रिलायंस और ब्रिटिश पेट्रोलियम ने कृष्णा गोदावरी धीरूभाई 6 यानी KG-D6 से गैस प्रोडक्शन का ऐलान किया है. पूर्वी समुद्री तट से दूर गहरे समुद्र में यह सबसे गहरा गैस प्रोजेक्ट है. दोनों कंपनियों ने इसके आर ब्लॉक से प्रोडक्शन शुरू करने का ऐलान किया है. रिलायंस और ब्रिटिश पेट्रोलियम यहां KG-D6 आर कलस्टर, सेटेलाइट्स कलस्टर और एमजे में गहरे समुद्र में तीन गैस परियोजनाएं विकसित कर रही हैं. ये 2023 तक भारत की गैस जरूरतों का 15 फीसदी तक पूरा कर सकती हैं. रिलायंस और ब्रिटिश पेट्रोलियम का यह बेहद गहरा गैस प्रोजेक्ट देश का पहला ऐसा गैस प्रोजेक्ट है.

मुकेश अंबानी ने कहा,  यहां गैस उत्पादन हमारी क्लीन एनर्जी की जरूरत पूरी होगी

ये प्रोजेक्ट्स KG-D6 ब्लॉक के हब इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करेंगी KG-D6 में मुकेश अंबानी के पास पास 66.67 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि ब्रिटिश पेट्रोलियम के पास 33.3 फीसदी हिस्सेदारी है. आर-कलस्टर काकीनाडा तट पर मौजूदा KG D6 कंट्रोल एंड राइजर प्लेटफॉर्म (CRP) से 60 किलोमीटर दूर है.

'गैस परियोजना, भारत के एनर्जी सेक्टर का मील का पत्थर'

ब्रिटिश पेट्रोलियम के साथ साझा प्रोजेक्ट के बारे में मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत के एनर्जी क्षेत्र में ये मील का पत्थर हैं. साफ और पर्यावरण के लिए सुरक्षित ग्रीन एनर्जी के लिहाज से ये बेहद अहम प्रोजेक्ट हैं. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के जरिये जो गैस उत्पादन होगा वह हमारी क्लीन एनर्जी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगी. जबकि ब्रिटिश पेट्रोलियम के सीईओ बर्नार्ड लूनी ने इस साझेदारी को बढ़ती संभावनाओं का एक और उदाहरण करार दिया है. उन्होंने कहा कि ये गैस प्रोजेक्ट भारत के एनर्जी ड्राइव के लिए काफी मददगार साबित होगा और इससे एनर्जी ड्राइव को दिशा मिलेगी.

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