Reliance Industries: मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सरकार के धोखाधड़ी के आरोप वाले अपील को किया खारिज
Mukesh Ambani: 2018 में सिंगापुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने रिलायंस के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था जिसे सरकार ने चुनौती दी थी.
Big Relief For Reliance Industries: दिल्ली हाईकोर्ट ने देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके पार्टनर्स पर धोखाधड़ी करने और 1.729 बिलियन डॉलर से अधिक के गैस की चोरी करने का आरोप लगाने वाली केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. सरकार का कहना था कि दूसरे ब्लॉक में डिपॉजिट गैस को निकालकर उन्हें बेचने का कंपनी को कोई अधिकार नहीं था लेकिन हाईकोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है.
जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने 24 जुलाई, 2018 को रिलायंस इंडस्ट्रीज के नेतृत्व वाले कंसोशियम के पक्ष में आए इंटरनेशल आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को बरकरार रखते हुए अपने फैसले में कहा कि इसमें सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के नेतृत्व वाले कंसोशियम में यूके-बीएसईडी बीपी पीएलसी और कनाडा के निको रिसोर्सेज भी शामिल है. सरकार ने हाईकोर्ट से इंअंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश पर लोक लगाने की मांग की थी. सरकार ने कोर्ट के समक्ष कहा कि इंटरनेशल आर्बिट्रेशन अवॉर्ड सरकार की नीति के खिलाफ है और ये एक कॉंट्रैक्टर को प्रीमियम प्रदान करता है जिसने धोखाधड़ी और आपराधिक अपराध कर बड़ी संपत्ति अर्जित की है.
2018 में सिंगापुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और सरकारी कंपनी ओएनजीसी के बीच जारी गैस विवाद मामले में रिलायंस के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके पार्टनर्स के खिलाफ उस मामले को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने दूसरों के तेल-गैस कुओं से कथित तौर पर गलत तरीके से गैस निकालने की कोशिश की गई है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के पक्ष में फैसला सुनाते हुए न्यायाधिकरण ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन (KG Basin) में ओएनजीसी के ब्लॉक से कंसोर्सियम की ओर से अवैध गैस उत्पादन के सरकार के दावे को खारिज कर दिया था. इसके अलावा न्यायाधिकरण ने रिलांयस के नेतृत्व वाले समूह को 8.3 मिलियन डॉलर (564.44 मिलियन रुपये) का हर्जाना देने का भी सरकार को आदेश दिया था. 2014 में ओएनजीसी ने दिल्ली हाईकोर्ट में ये शिकायत करते हुए अर्जी लगाई थी कि रिलायंस इंडस्ट्रीज उसके ब्लॉक से गैस का उत्पादन कर रही है. तब सरकार ने रिलायंस से 1.46 बिलियन डॉलर के जुर्माने की मांग की थी.
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