रिलायंस इंडस्ट्रीज को जून तिमाही में 13,248 करोड़ रुपये का लाभ, हिस्सेदारी बेचने से हुआ रिकार्ड मुनाफा
रिलायंस इंडस्ट्रीज को अपने जियो प्लेटफॉर्म्स में हिस्सेदारी बेचने के जरिए 1.52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं और इसी के दम पर जून तिमाही नतीजों में कंपनी को रिकॉर्ड मुनाफा हुआ है.
नई दिल्लीः टेलीकॉम सेक्टर के शानदार प्रदर्शन और हिस्सेदारी बिक्री से मिली आय के बल पर कोविड- 19 महामारी के इस दौर में भी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पहली तिमाही में रिकार्ड मुनाफा हासिल किया है. कंपनी का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 13,248 करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, रिफाइनिंग, पेट्रोकैमिकल और रिटेल बिजनेस की आय पर लॉकडाउन का असर पड़ा है, लेकिन उसकी भरपाई टेलीकॉम सेक्टर ने कर दी.
रिलायंस का मुनाफा 30.6 फीसदी बढ़ा कंपनी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 30.6 फीसदी बढ़कर 13,248 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में यह 11,640 करोड़ रुपये था. तेल से लेकर टेलीकॉम सेक्टर तक विभिन्न कारोबार वाले इस ग्रुप ने कहा कि उसे ईंधन के रिटेल बिजनेस में 49 फीसदी हिस्सेदारी बीपी पीएलसी को बेचने से एकबारगी 4,966 करोड़ रुपये का लाभ हुआ.
रिलायंस जियो को बंपर मुनाफा, 183 फीसदी बढ़ा लाभ इसके साथ रिलायंस जियो का एकल आधार पर शुद्ध लाभ 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही में 183 फीसदी उछलकर 2,520 करोड़ रुपये हो गया और इसने दूसरे क्षेत्रों में कमाई की कमी की भरपाई कर दी. जब ‘लॉकडाउन’ के कारण तेल से रसायन बनाने का कारोबार और खुदरा क्षेत्र के कामकाज रोकना पड़ा, कमाई के मामले में डिजिटल सेवा कारोबार ने अगुवाई की. दूरसंचार इकाई जियो का एकीकृत ईबीआईटीडीए में योगदान 33 फीसदी से अधिक रहा और कुल लाभ में उसका सर्वाधिक योगदान रहा.
EBITDA पर दिखा असर, 11 फीसदी से ज्यादा घटा तेल से लेकर रसायन के कारोबार से कम योगदान के कारण कुल मिलाकर ब्याज, कर, मूल्य ह्रास, संपत्ति मूल्य में कमी से पूर्व कमाई यानी ईबीआईटीडीए कुल मिलाकर 11.8 फीसदी घटकर 21,585 करोड़ रुपये रहा. कंपनी का तेल से रसायन कारोबार (ओ टू सी) मांग में कमी और मार्जिन दबाव के कारण प्रभावित हुआ है.
इसके अलावा निर्यात बाजार से कम आय होने से भी लाभ पर असर पड़ा. कंपनी ने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण देश भर में दुकानों के बंद होने और परिचालन पर पाबंदियों के कारण खुदरा कारोबार का ईबीआईटीडीए घटा. वहीं डिजिटल सेवा कारोबार में मार्जिन सुधरने और ग्राहकों की संख्या में वृद्धि के कारण ईबीआईटीडीए बढ़ा और कमी की भरपाई हुई.’’
चेयरमैन मुकेश अंबानी ने क्या कहा रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर लॉकडाउन के कारण हमारा हाइड्रोकार्बन कारोबार पर असर पड़ा लेकिन परिचालन में लचीलापन से हम हम परिचालन को समान्य स्तर के करीब ले आये हैं और एक अच्छा परिणाम दिया है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने कोविड-19 महामरी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ के बावजूद तिमाही के दौरान रिकार्ड कोष जुटाया.
रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स ने पहली तिमाही में जुटाए 1.52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रिलायंस ने राइट्स इश्यू के जरिये 53,124 करोड़ रुपये और जियो प्लेटफार्म्स में करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों को बेचकर 1,52,056 करोड़ रुपये जुटाये. कंपनी ने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 फीसदी हिस्सेदारी बीपी को 7,629 करोड़ रुपये में बेची. मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘हमने इस तिमाही के दौरान भारतीय कंपनी इतिहास में रिकार्ड कोष जुटाया.’’
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