Reliance Industries: विभिन्न कारोबार से जुड़ी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अंततः एक होल्डिंग कंपनी बन सकती है. इसके तहत प्रमुख कारोबार को संभाल रही स्वतंत्र रूप से काम करने वाली यूनिट्स में इसकी मेजोरिटी हिस्सेदारी होगी. फिच समूह की यूनिट क्रेडिट साइट्स ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में यह बात कही.
उसने कहा कि कर्ज के मोर्चे पर बेहतर स्थिति के साथ इसके टेलीकॉम और रिटेल सेक्टर के लिये कमाई परिदृश्य बेहतर रहने का अनुमान है. ये चीजें कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और इसकी बढ़ी हुई कैपिटल एक्सपेंडीचर जरूरतों के बीच रिलायंस की रिफाइनिंग और डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर के मामले में कमजोर दृष्टिकोण की भरपाई करती हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में समूह की उत्तराधिकार योजना को आगे बढ़ाया है. इसके तहत समूह के मुखिया मुकेश अंबानी ने घोषणा की कि उनके तीनों बच्चों- आकाश, ईशा और अनंत अंबानी को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया जाएगा. अंबानी ने कहा कि वह अगले पांच साल तक चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहेंगे.
रिलायंस इंडस्ट्रीज में मुकेश अंबानी की उत्तराधिकार योजना शीर्षक से जारी रिपोर्ट में क्रेडिट साइट्स ने कहा, "हमारा मानना है कि अंबानी की उत्तराधिकार योजना आगे बढ़ेगी. इसका कारण एक ही कर्ता-धर्ता के होने से जुड़े जोखिम कई निवेशकों के लिये चिंता का विषय रहा है."
उसने कहा, "अंबानी के तीनों संतान को आरआईएल के प्रत्येक प्रमुख इकाई (दूरसंचार, खुदरा और नई ऊर्जा) में नेतृत्व वाले पद दिये गये हैं. इसको देखते हुए हमारा मानना है कि इस प्रकार से स्पष्ट विभाजन से भाई-बहनों के बीच भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सकता है."
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराधिकार की जो योजना बनायी गयी है, उसमें ऐसा नहीं है अंबानी अचानक से समूह से बाहर हो जाएंगे. अगर ऐसा होता, तो परिचालन और कंपनी का प्रदर्शन बाधित होता. बल्कि इसमें अगली पीढ़ी को तैयार करना और मार्गदर्शन करना शामिल है.
क्रेडिट साइट्स ने कहा, "हमारा मानना है कि आरआईएल अंततः पूरी तरह से एक होल्डिंग कंपनी (होल्डको) में बदल सकती है. इसके तहत इसका उन स्वतंत्र इकाइयों में बहुलांश हिस्सेदारी होगी जो प्रमुख कारोबार का संचालन करती हैं."
उसने कहा, "इस तरह के विभाजन से प्रत्येक इकाई की संपत्ति और नकदी प्रवाह के बीच अंतर स्पष्ट होगा. साथ ही संबंधित पक्ष क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सकेंगे, वित्त पोषण के ज्यादा विकल्प उपलब्ध होंगे और बेहतर तरीके से पूंजी आवंटन के साथ निगरानी व्यवस्था दुरुस्त होगी. प्रत्येक सूचीबद्ध इकाई के अपने शेयरधारक और संभवत: निदेशक मंडल होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, "हमारा मानना है कि अंबानी के व्यक्तिगत कारोबार की बागडोर अपने बच्चों को सौंपने के बाद आरआईएल एक परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी बनी रहेगी. एक संभावित व्यवस्था एक न्यास बनाने की हो सकती है. इस न्यास का स्वामित्व और नियंत्रण अंबानी, तीनों भाई-बहन और उनके परिवार के सदस्य के जरिये संयुक्त रूप से किया जाएगा. वहीं आरआईएल का प्रबंधन एक पेशेवर प्रबंधन टीम करती रहेगी."
अंबानी ने पहली बार 2022 में अपनी उत्तराधिकार योजना को सार्वजनिक किया था. उन्होंने घोषणा की थी कि उनके तीनों संतान में से प्रत्येक कंपनी के विभिन्न प्रभागों के प्रमुख होंगे. इसके तहत आकाश को दूरसंचार इकाई का प्रमुख, ईशा को खुदरा कारोबार का प्रमुख और अनंत को नई ऊर्जा का प्रमुख बनाये जाने की घोषणा की गयी.
ये भी पढ़ें