रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा 38.7 फीसदी घटकर 6348 करोड़ रुपये रहा, सबसे बड़ा राइटस इश्यू लाएगी
रिलायंस इंडस्ट्रीज को चौथी तिमाही में 4267 करोड़ रुपये कुछ अतिरिक्त खर्च करने पड़े जिससे उसके मुनाफे में कमी आई वर्ना इस बार भी मुनाफा 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होता.
वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ 38.7 फीसदी घटकर 6348 करोड़ रुपये पर आ गया. यह पिछले तीन साल का निचला स्तर है. कंपनी के उपभोक्ता केन्द्रित अन्य कारोबार में हुआ लाभ उसके पेट्रोरसायन कारोबार में आई गिरावट की भरपाई नहीं कर पाया, जिससे इसके शुद्ध लाभ में गिरावट आई है. कंपनी का कहना है कि एकबारगी खर्च की वजह से भी उसका मुनाफा घटा है.
कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 53,125 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को भी मंजूरी दी है. कंपनी का दावा है कि यह देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू होगा. इसका मूल्य 1257 रुपये प्रति शेयर और इश्यू के लिये 1:15 का अनुपात होगा.
पिछले सप्ताह फेसबुक ने रिलायंस की डिजिटल इकाई यूनिट जियो प्लेटफार्म में 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश करने की घोषणा की है. इस निवेश के बूते कंपनी को उम्मीद है कि वह जून से पहले 1.04 लाख करोड़ रुपये का कोष जुटा पाएगी. इस राशि में फेसबुक द्वारा जियो की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने और राइट्स इश्यू से मिलने वाली राशि के अलावा कंपनी को ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को अपने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से मिली 7,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी करते हुए कहा कि आगामी महीनों में उसे और कंपनियों से निवेश मिलेगा. हालांकि, उसने इन कंपनियों का नाम नहीं बताया है.
कंपनी ने कहा कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने समूह में से 75 अरब डॉलर के तेल से रसायन कारोबार को अलग-अलग करने की अनुमति दे दी है. हालांकि, इसके लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की अनुमति लेनी होगी. इससे कंपनी इस इकाई में 20 फीसदी हिस्सेदारी सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको को बेच पाएगी.
अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी ने पिछले साल अगस्त में इस सौदे की घोषणा की थी. इस सौदे का मकसद मार्च, 2021 तक कंपनी के कर्ज को पूरी तरह समाप्त करना है. यह सौदा मार्च, 2020 में पूरा होना था.
कंपनी ने कहा कि चौथी तिमाही में उसे 4,267 करोड़ रुपये कुछ अतिरिक्त खर्च करने पड़े जिससे उसके मुनाफे में और कमी आई. तिमाही के दौरान कंपनी की आय 2.5 फीसदी घटकर 1,51,209 करोड़ रुपये पर आ गई. यदि इस खर्च को हटा दिया जाए, तो तिमाही के दौरान कंपनी का मुनाफा 3.7 फीसदी बढ़कर 10,813 करोड़ रुपये बैठता.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि वैश्विक स्तर पर फैली कोविड-19 महामारी के बीच कंपनी ने बीते वित्त वर्ष 2019-20 में एक बार फिर से बेहतर नतीजा दिया है.’’
अंबानी ने कहा कि हमारे तेल से रसायन कारोबार में अपने एकीकृत पोर्टफोलियो के जरिये लगातार अच्छी कमाई की है. उपभोक्तओं से सीधे जुड़े खुदरा और दूरसंचार कारोबार ने बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत किया है.