Jio BP E20 Petrol Launch In India 2023: 20 फीसदी इथेनॉल के साथ मिलने वाला पेट्रोल को E-20 पेट्रोल के नाम से जाना जाता है. इस ई-20 (E-20) यानि ईंधन 20 से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और बीपी (BP) ने एक साथ मिलकर इसकी शुरुआत की है. जियो-बीपी (Jio-BP) ने आज E20 पेट्रोल को मार्केट में लॉन्च कर दिया है. हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने E20 पेट्रोल की शुरुआत बैंगलोर में एक एनर्जी वीक कार्यक्रम के दौरान की है. जानिए इससे जुड़ा बड़ा अपडेट क्या है..


क्यों पड़ा E20 पेट्रोल नाम 


जैसा की नाम से ही पता चल रहा है कि, E20 पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलकर मार्केट में बेचा जाएगा. 20 फीसदी इथेनॉल मिक्स पेट्रोल बाजार में उतारने वाली जियो-बीपी देश की सबसे पहली कंपनी बन गई है. जिसने सबसे पहले यह शुरुआत देश में की है. अभी E20 पेट्रोल जियो-बीपी के चुनिंदा पेट्रोल पंप्स पर मिलेगा और जल्द ही यह जियो-बीपी के सभी पंप्स पर उपलब्ध हो जाएगा.


पेट्रोल में क्यों मिलाया गया इथेनॉल


केंद्र सरकार ने देश की तेल आयात लागत को कम करने के लिए एक पहल की शुरुआत की है. इससे ऊर्जा सुरक्षा, कम कार्बन उत्सर्जन, बेहतर वायु गुणवत्ता, आत्मनिर्भरता, पराली जैसी अवशेषों का उपयोग और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रोल में इथेनॉल मिक्स करने के लिए गाइडलाइन जारी की थी. जियो-बीपी का E20 पेट्रोल देश की ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू की गई है. 


20 सालों में तेजी से बढ़ेगी डिमांड


भारतीय बाजार में ईंधन और मोबिलिटी को लेकर काफी तेजी देखी जा रही है. E20 को आने वाली 20 सालों के लिए दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले ईंधन के रूप में देखा जा रहा है. जियो-बीपी मोबिलिटी स्टेशनों को इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बनाया गया है. भारत सरकार भी 2040 तक इथेनॉल की वैश्विक मांग (Global Demand) में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी निभाने के टारगेट से काम कर रही है.


किसानों को मिला फायदा, इतनी बढ़ी मांग 


भारत ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 2013-14 के 1.53 प्रतिशत से बढ़ाकर 2022 में 10.17 प्रतिशत कर दिया है. 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश को 10.2 से 11 अरब लीटर इथेनॉल की जरूरत है. देश में 318 लाख मीट्रिक टन CO2 उत्सर्जन में कमी और लगभग 54,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत सहित कई अन्य लाभ हुए हैं. 2014-2022 के दौरान इथेनॉल आपूर्ति की दिशा में लगभग 81,800 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिसमें सिर्फ किसानों को 49,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली है. इससे किसानों को काफी हद तक लाभ मिल सकेगा.


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