Reliance Jio & Reliance Retail IPO News: क्या रिलायंस जियो का आईपीओ (Reliance Jio IPO) आएगा? क्या रिलायंस रिटेल के आईपीओ (Reliance Retail IPO ) भी लाने की तैयारी है? ये सवाल इसलिए क्योंकि जल्द ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) की एजीएम ( Annual General Meeting) होने वाली है और इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के आईपीओ लाने की घोषणा एजीएम में की जा सकती है. हालांकि ब्रोकरेज फर्म जेपी मार्गन (JP Morgan) का कहना है कि इस वित्त वर्ष में रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के आईपीओ आने के आसार नहीं हैं.  


AGM से पहले कयासों का बाजार गर्म
दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज के एजीएम बैठक होने से पहले हमेशा कयासों का बाजार गर्म हो जाता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के एजीएम बैठक में बड़े ऐलानों की उम्मीद की जाती है. और इस वर्ष भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के एडीएम बैठक से बड़ी घोषणा की उम्मीद की जा रही है. माना जा रहा है कि जुलाई के आखिर या अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज के एजीएम की बैठक हो सकती है. गौतरलब है कि 2019 के एजीएम बैठक में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani) ने अगले पांच वर्षों में रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल की स्टॉक एक्सचेंज ( Stock Exchanges) पर लिस्टिंग कराने की बात कही थी. 


5 साल में रिलायंस जियो बनी नंबर -1 
हालांकि दोनों ही कंपनियों का आईपीओ आएगा तो शेयर बाजार के निवेशकों के लिए रिलायंस समूह  ( Reliance Group) की कंपनी में निवेश का सुनहरा मौका होगा. आपको बता दें 2016 में टेलीकॉम कारोबार को लॉन्च करने वाली रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) महज पांच सालों में भारती एयरटेल ( Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया ( Vodafone Idea) को पछाड़ते हुए देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई. 


विदेशी निवेशकों ने किया जियो में निवेश 
इससे पहले विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) की स्टॉक एक्सचेंजों ( Stock Exchanges) पर इस साल लिस्टिंग ( Listing) हो सकती है. CLSA ने एक रिसर्च नोट में कहा कि वर्ष 2022 में टेलीकॉम सेक्टर ( Telecom Sector) में बड़े घटनाक्रम देखने को मिलेंगे जिसमें 5जी स्पेक्ट्रम ( 5G Spectrum) की नीलामी और रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) की संभावित लिस्टिंग शामिल है.


दिग्गज ग्लोबल निवेशकों ने किया निवेश
मुकेश अंबानी  ( Mukesh Ambani) जियो में 33% हिस्सेदारी 13 निवेशकों को बेच चुके हैं। आपको बता दें ये हिस्सेदारी उन्होंने कोरोनाकाल के दौरान 2020 में बेची थी.  रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) की 10% फीसदी फेसबुक (Facebook) को और 8% गूगल (Google) को बेची गई थी. इलके अलावा Intel Capital, Qualcomm Ventures और Silver Lake, Vista Equity Partners, General Atlantic और KKR जैसे टॉप इक्विटी फंड ने भी रिलांयस जियो में हिस्सेदारी खरीदी है. 


कितना हो सकता है वैल्यूएशन
CLSA का अनुमान है कि रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) के मोबाइल बिजनेस की वैल्यूएशन 99 बिलियन डॉलर ( करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये) रहने का अनुमान है. जिसमें होम ब्रॉडबैंड जियोफाइबर कारोबार भी शामिल है जिसकी वैल्यूएशन 5 अरब डॉलर ( 37,500 करोड़ रुपये) आंकी गई है. CLSA के मुताबिक रिलायंस जियो  ( Reliance Jio) का आईपीओ ( IPO) पूरे टेलिकॉम सेक्टर के वैल्यूएशन के लिहाज से एक बड़े उत्प्रेरक का काम करेगा.  


रिलायंस का इतिहास 
आपको बता दें बीते कई वर्षों से रिलायंस जियो ( Reliance Jio) और रिलायंस रिटेल ( Reliance Retail) की स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिंग को लेकर सुगबुगहाट होती रही है. जब से रिलायंस समूह ( Reliance Group)  के कारोबार का मुकेश अंबानी  ( Mukesh Ambani) और अनिल अंबानी ( Anil Ambani) के बीच बंटवारा हुआ है, अनिल अंबानी  ( Anil Ambani) की कंपनी रिलांयस पावर का आईपीओ तो बाजार में 2008 में आ चुका है, लेकिन मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली किसी कंपनी की पहली बार बाजार में आईपीओ आने की उम्मीद जगी है. आज से 44 साल पहले 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) का आईपीओ आया था और तब से इसने अपने निवेशकों को बेतहाशा रिटर्न दिया है.  


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