Reliance Industries Share Price: देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का शेयर अपने निवेशकों को आने वाले दिनों में 70 फीसदी तक का रिटर्न दे सकता है. ये कहना है कि विदेशी ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए (CLSA) का जिसने रिलायंस के शेयर को लेकर अपना कवरेज रिपोर्ट जारी किया है. 


सीएलएसए ने अपने रिपोर्ट में कहा, बाजार रिलायंस के 40 बिलियन डॉलर के कारोबार वाले नए एनर्जी बिजनेस की अनदेखी कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू और एक्सपोर्ट का माहौल अपने अनुकूल होने के चलते भारतीय सोलर मैन्युफैक्चरर्स का आउटलुक बेहद शानदार है. रिलायंस का पूरी तरह इंटीग्रेटेड 20 गीगावट का सोलर गीगाफैक्ट्री (Solar Gigafactory) अगले 3-4 महीने में लॉन्च के लिए तैयार है. सीएलएसए ने रिलायंस के सोलर बिजनेस के वैल्यूशन को 30 बिलियन डॉलर का आंका है. ब्रोकरेज हाउस ने ये वैल्यूएशन हाल ही में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई सोलर कंपनियों से डिस्काउंट पर दिया है. इसके बावजूद रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस का शेयर नए एनर्जी बिजनेस (New Energy Business) के जीरो वैल्यू के साथ रेनी-डे वैल्यूएशन के 5 फीसदी के रेंज में कारोबार कर रहा है. 


सीएलएसए के मुताबिक 2025 में कई बड़ी बातें देखने को मिलेंगी इसलिए रिलायंस के स्टॉक में एंट्री करने का ये बेहतरीन समय है. 2025 में नई एनर्जी कैपेसिटी की शुरुआत होगी, रिटेल कारोबार में ग्रोथ लौटेगा, एयरफाइबर सब्सक्राइबर्स में तेजी आएगी और रिलायंस जियो का आईपीओ ( Reliance Jio IPO)  भी आएगा. सीएलएसए ने रिलायंस के स्टॉक पर आउटपरफॉर्म रेटिंग को बरकार रखते हुए 1650 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है जो कि मौजूदा लेवल से 30 फीसदी ऊपर है. हालांकि सीएलएसए के रिपोर्ट के मुताबिक ब्लू-स्काई सिनैरियो ये बता रहा है कि स्टॉक में मौजूदा लेवल से 70 फीसदी का उछाल आ सकता है. 


आज 13 नवंबर, 2024 के कारोबारी सत्र में रिलायंस का शेयर (Reliance Share Price) 1.82 फीसदी की गिरावट के साथ 1251 रुपये पर कारोबार कर रहा है.  


डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)


ये भी पढ़ें 


Mutual Fund: अमेरिकी बाजारों में करना चाहते हैं निवेश? इन 5 म्यूचुअल फंड का विकल्प है मौजूद