Reliance Jamnagar Refinery Update: रिलायंस इंडस्ट्रीज की गुजरात के जामगर स्थित रिफाइनरी जो कि दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी में शुमार है उसे ऑपरेशनल हुए 25 साल पूरे हो चुके हैं. 28 दिसंबर 1999 में ही जामनगर रिफाइनरी चालू हुआ था और इस मौके पर रिलायंस इँडस्ट्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो जारी किया है जिसमें इस रिफाइनरी के सामने कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी का बेहद पुराना बयान मौजूद है जिसमें वे कह रहे कि जो जामनगर ने दिखा को दिया कि अगर हम सपने देखते हैं तो उसे पूरा भी कर सकते हैं. 


मुकेश अंबानी का हैरान करने वाला वीडियो!


रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जामनगर रिफाइनरी के 25 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो को साझा करते हुए पोस्ट लिखा है. इस पोस्ट में जामनगर रिफाइनरी के निर्माण को चमत्कार का निर्माण ( Making of a Marvel) बताते हुए वीडियो शेयर किया गया है जिसमें बैकग्राउंड में रिफाइनरी है और मुकेश अंबानी की सालों पुरानी वीडियो है जिसमें वे कह रहे हैं, "जामनगर ने दुनिया को दिखा दिया है कि अगर हम सपना देख सकते हैं, तो उसे पूरा भी कर सकते हैं." उन्होंने कहा मेरे पिता धीरुभाई अंबानी का विजन है कि और ये हम सब में मौजूद है कि हम जो भी करें वो वर्ल्ड क्लास हो. 






पेट्रोल डीजल के आयात पर निर्भरता हुई कम 


रिलायंस इंडस्ट्रीज के जामनगर रिफाइनरी को शुरू हुए अब 25 साल पूरे हो चुके हैं. 28 दिसंबर 1999 यानी 25 साल पहले पहला रिफाइरी ऑपरेशनल हुआ था. जामनगर रिफाइरी ने भारत के कुल पेट्रोलियम रिफाइिंग कैपेसिटी में 25 फीसदी का योगदान दिया है. रिलायंस के मुताबिक जामनगर में इस रिफाइनरी ने भारत को ट्रांसपोर्ट फ्यूल्स के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका अदा की है. इस रिफाइनरी ने भारत के पेट्रोल डीजल के आयात पर निर्भरता को कम करने में बड़ी मदद की है जिससे बेहद कीमती विदेशी मुद्रा भंडार की बचत हुई है. केवल 33 महीनों में इस साइज, स्केल और कम्पेक्सिटी वाले वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट को तैयार किया जा सके.


एक लोकेशन पर सबसे बड़ा निजी निवेश 


जामनगर के इस रिफाइनिंग कॉम्पेक्स को 3.4 बिलियन डॉलर की लागत से तैयार किया गया जो एशिया के दूसरे रिफाइनरी को बनाने में लगे लागत के मुकाबले 30-40 फीसदी कम है. साथ ही एक लोकेशन पर किसी भी भारती कंपनी का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल निवेश है.   


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