(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Commodity Price Fall: महंगाई से राहत मिलने के आसार, कमोडिटी के दामों में आने लगी है गिरावट
Relief From Inflation Likely: रूस और यूक्रेन युद्ध ( Russia- Ukraine War) के चलते जो कमोडिटी के दामों ( Commodity Prices) में बढ़ोतरी देखने को मिली थी वो अब नरम पड़ती नजर आ रही है.
Relief From High Prices: बीते कई महीनों से परेशान आम लोगों के लिए खुशखबरी है. रूस और यूक्रेन युद्ध ( Russia- Ukraine War) के चलते जो कमोडिटी के दामों ( Commodity Prices) में बढ़ोतरी देखने को मिली थी वो अब नरम पड़ती नजर आ रही है. कीमतों में गिरावट का आलम ये है कि अब कई कमोडिटी की कीमतें जो युद्ध शुरू होने के पूर्व थी उस लेवल तक आ चुकी है. खासतौर से गेंहू, कोर्न, चीनी, कपास के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है.
कीमतों में गिरावट पर नजर डालें तो गेंहू के दामों में 26.4 फीसदी की कमी आई है, तो कोर्न यानि मक्के की कीमतें 14.5 फीसदी घटी है. चीनी 9.4 फीसदी सस्ता हुआ है तो मांग में कमी के चलते कपास की कीमतें 3 महीने के निचले स्तरों तक जा लुढ़का है. वहीं युद्ध के शुरू होने के बाद से खाने के तेल में उछाल देखा जा रहा था. लेकिन सरकार के दखल के बाद और कंपनियों द्वारा कीमतें घटाने के चलते खाने के तेल के दामों में भी गिरावट देखी जा रही है.
खाने की चीजें ही नहीं बल्कि अब स्टील, एल्युमिनियम, कॉपर जैसे कमोडिटी के दामों में भी अब नरमी देखी जा रही है. जिसका असर मेटल सेक्टर के शेयरों में भी देखने को मिला जिसमें हाल के दिनों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. कमोडिटी के दामों में गिरावट का फायदा मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को मिलने की उम्मीद है. कच्चे तेल के दामों में भी गिरावट आई है और संभावना जताई जा रही कि इसमें और गिरावट आ सकती है.
ऐसे में कमोडिटी, मेटल्स और कच्चे तेल के दामों में कमी से महंगाई घटती है तो इससे बड़ी राहत मिल सकती है. आरबीआई पर ब्याज दरें बढ़ाने का दवाब कम होगा. इससे महंगी ईएमआई से आम लोगों को राहत मिल सकती है. बहरहाल खुदरा महंगाई दर अभी भी 7.04 फीसदी है जो आरबीआई के टोलरेंस बैंड 2 से 6 फीसदी से ज्यादा है. हालांकि आरबीआई ने 2022-23 में महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
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