Money Laundering: ED ने रेलिगेयर सुप्रीमो रश्मि सलूजा से की पूछताछ, हो सकते हैं मनी लांड्रिग मामले में बड़े खुलासे
ED News Update: ईडी ने रेलिगेयर की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन रश्मि सलूजा से मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ की है. जल्दी ही चार महीने पुराने इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं.
Religare: रेलिगेयर कंपनी से जुड़े मनी लांड्रिग मामले में नया अपडेट आया है. ईडी ने रेलिगेयर की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन रश्मि सलूजा से इस मामले में पूछताछ की है. जल्दी ही चार महीने पुराने इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रश्मि सलूजा और रेलिगेयर के कुछ दूसरे अधिकारी इस मामले में आरोपी हैं. इन सब पर कंपनी फंड की हेराफेरी करने के आरोप हैं. वहीं धोखाधड़ी की जांच के दायरे में नहीं आने की साजिश के तहत फर्जी एफआईआर कराने का भी मामला सामने आया था. हालांकि सलूजा इन सभी आरोपों को खारिज करती रही हैं. इस मामले में ईडी इन्वेस्टिगेशन कर रही है.
17 दिसंबर को ईडी के सामने पेश हुई थी सलूजा
रश्मि सलूजा ईडी के दफ्तर में पिछले 17 दिसंबर को पेश हुई थी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उनसे कई घंटों तक पूछताछ की गई. ईडी दूसरे दौर की पूछताछ के लिए उन्हें फिर से बुलाएगी. इकोनॉमिक टाइम्स की ओर से गुरुवार को सलूजा का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. रश्मि सलूजा को प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के सेक्शन 50 के तहत समन भेजा गया था. ईडी कोर्ट जाने से पहले इस सेक्शन के तहत आरोपी का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कराती है.
ईडी ने सितंबर में दर्ज किया था एफआईआर
ईडी ने रश्मि सलूजा के खिलाफ सितंबर में एफआईआर दर्ज किया था. इसमें रेलिगेयर समूह के पूर्व फाइनेंस चीफ नितिन अग्रवाल और काउंसेल निशांत सिंघल के भी नाम शामिल थे. रेलिगेयर के शेयर होल्डर वैभव गवली के स्टेटमेंट के बाद यह एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर में कहा गया कि रश्मि सलूजा और रेलिगेयर के दूसरे अधिकारियों ने वैभव गवली को माटुंगा पुलिस स्टेशन में एक फर्जी एफआईआर दर्ज कराने के लिए उकसाया था. गवली द्वारा माटुंगा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराए एफआईआर में बताया गया था कि डाबर कंपनी चलाने वाला बर्मन परिवार रेलिगेयर के पूर्व निदेशकों मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह की मिलीभगत से रेलिगेयर के 25 फीसदी शेयर रोक रखे हैं और दूसरे 26 फीसदी शेयर ओपन ऑफर के जरिए हासिल करना चाहते हैं. ईडी ने इस कथित फर्जी एफआईआर कराने लिए रश्मि सलूजा की ओर से वैभव गवली को दो लाख रुपये देने के भी आरोप लगाए हैं. गवली की एफआईआर की जांच के बाद मिले सबूत में ईडी का शिकंजा सलूजा के चारों ओर कसता दिखाई दे रहा है.