Monetary Policy Impact on Housing: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति (Monetary Policy) का ऐलान कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. इस फैसले से लोन की ईएमआई (Loan EMI) न तो बढ़ेगी और न ही इसमें कमी आएगी. इस मौद्रिक नीति से हाउसिंग सेक्टर में खुशी की लहर है. ऐसा माना जा रहा है कि इससे आर्थिक मोर्चे पर स्थिरता बरकरार रहेगी, जो कि घरों की कीमतों और मांग पर अच्छा असर डालेगी. इस फैसले का पॉजिटिव असर शेयर बाजार पर भी पड़ा. 


हाउसिंग सेक्टर में भी खुशी की लहर


आरबीआई की स्थिर मौद्रिक नीति की एनरॉक ग्रुप (ANAROCK Group) के चेयरमैन अनुज पुरी ने सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारतीय इकोनॉमी मजबूत स्थिति में है. हाल ही में जारी किए गए जीडीपी के आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं. अब रिजर्व बैंक ने भी रेपो रेट स्थिर रखकर इसकी पुष्टि कर दी है. यह आरबीआई की तरफ से घर खरीदने वालों के लिए तोहफा है. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से बैंकों को समान दरों पर लोन मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि घरों की कीमत में भी इजाफा होने की आशंका घट गई है. 


टॉप-7 शहरों में तेजी से बढ़े हैं दाम 


अनुज पुरी ने बताया कि हाउसिंग मार्केट तेजी से बदल रहा है. पिछले कुछ महीनों में दिल्ली-मुंबई समेत देश के सात बड़े शहरों में घरों की कीमतें 8 से 18 फीसदी तक बढ़ी हैं. इससे आशंका जताई जा रही थी कि यदि आरबीआई मौद्रिक नीति में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लेता है तो ब्याज दरें बढ़ने से लोग घरों की खरीद से दूरी बनाने लगेंगे. हालांकि, रिजर्व बैंक ने अगले कुछ दिनों के लिए रीयल एस्टेट सेक्टर को राहत दे दी है.


हर जगह दिख रहा असर 


एनरॉक रिसर्च के मुताबिक, पिछले एक साल में सबसे ज्यादा कीमतें हैदराबाद में बढ़ी हैं. यहां मकानों की कीमतें औसतन 18 फीसदी तक बढ़ी हैं. फिलहाल देश के टॉप 7 शहरों में प्रति स्क्वायर फीट की कीमत 6800 रुपये हो गई है, जो कि 2022 में 6105 रुपये थी. इसमें 7 फीसदी का उछाल आया है. पुरी ने कहा कि होम लोन की ब्याज दरों में कोई बदलाव न होने से हाउसिंग सेक्टर का आगे बढ़ना तय हो गया है. 


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