रिजर्व बैंक ने एलओयू, लेटर ऑफ कम्फर्ट की व्यवस्था खत्म की
एलओयू और एलओसीज एक ऐसी व्यवस्था है जिसकी मदद से कोई भारतीय कारोबारी विदेश में किसी दूसरे बैंक से पैसा उठा सकता है और उसके लिए गारंटी एलओयू या एलओसीज जारी करने वाला बैंक देता है.
नई दिल्लीः नीरव मोदी-मेहुल चोकसी कांड से सबक लेते हुए रिजर्व बैक ने कारोबारी कर्ज के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी एलओयू और लेटर ऑफ कम्फर्ट यानी एलओसीज को तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया है.
एलओयू और एलओसीज एक ऐसी व्यवस्था है जिसकी मदद से कोई भारतीय कारोबारी विदेश में किसी दूसरे बैंक से पैसा उठा सकता है और उसके लिए गारंटी एलओयू या एलओसीज जारी करने वाला बैंक देता है. वैसे पैसा चुकाने की जिम्मेदारी एलओयू या एलओसीज हासिल करने वाली की है, लेकिन अगर किसी वजह से वो पैसा नही चुका पाता या भाग जाता है तब पैसा चुकाने की जिम्मेदारी जारीकर्ता बैंक के ऊपर आ जाती है. नीरव मोदी, मेहुल चोक्सी और उनकी कंपनियों ने पंजाब नेशनल बैंक की ओर से जारी किए गए एलओयू की बदौलत करीब 13 हजार करोड़ रुपये विभिन्न देशों में जुटाए और वापस चुकाने के बजाए चंपत हो गए.
फिलहाल, रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि आयात करने वालों को व्यापारिक कर्ज के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट यानी एलसी और बैंक गारंटी की व्यवस्था जारी रह सकती है, बशर्ते एलसी या बैंक गारंटी हासिल करने वाला तमाम कायदे-कानून का पालन कर रहा हो और बैंक की शर्तों को पूरा करता हो.
इस बीच सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनकी कंपनियों की ओर से पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाए जाने की पूरी जानकारी रखी. इसके मुताबिक, पीएनबी ने आरबीआई को अपनी धोखाधड़ी निगरानी सूचना प्रणाली के माध्यम से आयात बिलों के भुगतान हेतु 12,967.86 करोड़ रुपए की कुल राशि के लैटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू)/फॉरेन लैटर्स ऑफ क्रेडिट्स (एफएलसी) के धोखाधड़ीपूर्ण रूप से जारी होने के संबंध में सूचित किया था. आरबीआई ने बताया है कि एलओयू दिनांक 10.03.2011 से जारी किए जा रहे थे.
इस मामले में किए जा रहे कार्रवाई को लेकर वित्त मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हवाले से बताया कि सीबीआई द्वारा पंजीकृत एफआईआर के आधार पर पीएमएलए की धाराओं के तहत दो मामले दायर किए हैं और दो आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानतीय वारंट प्राप्त किए हैं. दूसरी ओऱ विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी और चोक्सी के पासपोर्ट रद्द किए जा चुके हैं.
राज्यसभा में रखे जवाब में बताया गया कि धोखाधड़ीपूर्ण रूप से जारी किए गए एलओयू/एफएलसी को बैंक की कोर बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) में लेन-देनों को दर्ज किए बिना भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं को एसडब्ल्यूआईएफटी (स्विफ्ट) के माध्यम से संदेश भेजे गए थे. पीएनबी ने सूचित किया है कि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हो, उसके लिए स्विफ्ट सिस्टम को लेकर कई कदम उठाए गए मसलन,
-स्विफ्ट पर आए संदेशों को सीबीएस यानी कोर बैंकिंग सॉल्यूशन के साथ मिलान के बाद ही नए सिरे से आदेश जारी करना
-स्विफ्ट इस्तेमाल करने वाले की निश्चित सीमा तय होगी
-स्विफ्ट सर्वर (एलटीई) को रात 10:00 बजे तक बंद करना और स्विफ्ट ऑपरेशन को शाखाओं में सांय 6:30 बजे तक और व्यापार वित्त हेतु केंद्रीयकृत बैंक ऑफिस में सांय 7:00 बजे तक सीमित करना