RBI Gold Reserves: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के गोल्ड रिजर्व में शानदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह वित्त वर्ष 2023-24 में के अंत तक 32.22 टन बढ़ चुका है. इस इजाफे के बाद मार्च 2023 तक भारत के पास कुल 794.64 टन सोना का भंडार हो गया है. यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को जारी किया है. इसमें 56.32 टन का गोल्ड डिपॉजिट भी शामिल है. वहीं पिछले साल मार्च 2022 तक आरबीआई के पास कुल 760.42 टन सोना था जिसमें 11.08 टन गोल्ड डिपॉजिट शामिल था. ऐसे में साल दर साल सोने की रिजर्व में 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.


RBI द्वारा जारी की गई छमाही रिपोर्ट


रिजर्व बैंक ने जानकारी दी है कि यह रिपोर्ट छमाही के आधार यानी अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के बीच की है. आरबीआई की फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के मुताबिक मार्च 2023 तक रिजर्व बैंक के पास कुल 794.64 टन सोना मौजूद था. इसमें से 437.22 टन सोना विदेश में यानी बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank of England) और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (Bank of International Settlements) में सुरक्षित रखा गया है.वहीं 301.10 टन सोना देश में है.  


विदेशी मुद्रा भंडार में हुआ इतना इजाफा


इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के सोने के भंडार में बढ़ोतरी के बाद से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी तगड़ा मुनाफा दर्ज किया है. गौरतलब है कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. गोल्ड की मात्रा में बढ़ोतरी के बाद सितंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच विदेशी मुद्रा (USD) में कुल 7.81 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. सितंबर 2022 से मार्च 2023 के बीच छमाही के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 532.66 बिलियन डॉलर से बढ़कर 578.45 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में जनवरी से मार्च 2023 के बीच 7 टन का इजाफा हुआ है.


RBI अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने की कर रहा कोशिश


ध्यान देने वाली बात ये है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 5 से 6 सालों के बीच अपने गोल्ड रिजर्व लगातार बढ़ाया है. इसके अलावा सिंगापुर का सेंट्रल बैंक मोनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (MAS), पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) और सेंट्रल बैंक ऑफ रिपब्लिक ऑफ तुर्की ने पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में सोना खरीदा है. सबसे ज्यादा सोना सिंगापुर के केंद्रीय बैंक ने खरीदा है. जनवरी से मार्च 2023 के बीच MAS ने कुल 69 टन गोल्ड खरीदा है. सोना को भारी मात्रा में खरीदने का सबसे बड़ा कारण है कि वह अपने फॉरेन रिजर्व को बढ़ा सके और डॉलर के मुकाबले अपने देश के करेंसी में स्थिरता ला सके. 


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