Unclaimed Deposits: बैंकों में करोड़ों की राशि ऐसी पड़ी जिसका कोई दावेदार नहीं है. ऐसे में वित्त मंत्री ने हाल ही निर्मला सीतारामन ने हाल में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की बैठक में सभी वित्तीय रेगुलेटर्स को अभियान चलाने को कहा था. इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड राशि के लिए एक स्पेशल कैंपेन लॉन्च किया है. इसका नाम है '100 दिन 100 भुगतान'. इस प्रोग्राम के जरिए आरबीआई ग्राहकों के अनक्लेम्ड पैसों की जानकारी प्राप्त करके उसे ग्राहक तक पहुंचाएगी.


आरबीआई ने लॉन्च किया स्पेशल प्रोग्राम


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 100 दिन 100 भुगतान के अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 100 दिनों के भीतर भारत के हर जिले के हर एक बैंक में 100 अनक्लेम्ड खाते की पहचान की जाएगी और उसके मालिक का पता लगाकर पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे. इसके जरिए केंद्रीय बैंक बैंकिंग सिस्टम में पड़े लावारिस राशि का जल्द से जल्द निपटारा करने की कोशिश कर रही है. इस कैंपेन का एक मात्र उद्देश्य है कि इसके जरिए सही मालिकों तक उनकी जमा पूंजी को पहुंचाया जा सके.


अनक्लेम्ड राशि किसे कहते हैं?


गौरतलब है कि अनक्लेम्ड राशि उसे कहा जाता है जिस खाते में 10 साल या उससे अधिक वक्त से किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं किया गया हो. इस तरह के खाते में जमा राशि को इनएक्टिव डिपॉजिट माना जाता है. आरबीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों में अनक्लेम्ड राशि की 48,262 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 यह राशि 39,264 करोड़ रुपये थी. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा अनक्लेम्ड डिपॉजिट तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बैंकों में जमा है.


अनक्लेम्ड राशि का पता लगाने के लिए पोर्टल की गई शुरुआत


6 मई 2023 को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी थी कि अनक्लेम्ड राशि का पता लगाने के लिए आरबीआई ने एक वेब पोर्टल की शुरुआत की है. इसके बाद ग्राहकों को अलग-अलग बैंकों की वेबसाइट के बजाय एक ही पोर्टल पर अपनी अनक्लेम्ड राशि के बारे में जानकारी मिल जाएगी.


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