Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक बोर्ड ने अपनी बैठक में केंद्र सरकार को 87,416 करोड़ रुपये डिविडेंड देने पर मुहर लगा दी है. वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई ने 30,307 करोड़ रुपये डिविडेंड केंद्र सरकार को दिया था. इसके साथ ही आरबीआई बोर्ड ने कंटीजेंसी रिस्क बफर को मौजूदा लेवल 5.5 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी करने का फैसला किया है. 


आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि आज की बोर्ड बैठक में मौजूदा ग्लोबल और घरेलू आर्थिक हालात की समीक्षा की गई. साथ ही मौजूदा ग्लोबल वैश्विक राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़ी चुनौतियों और उसके प्रभावों की समीक्षा की गई.  आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में अप्रैल 2022 से लेकर मार्च 2023 तक आरबीआई के कामकाज की समीक्षा भी की गई.  इस बैठक में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आरबीआई के सालाना रिपोर्ट के साथ आरबीआई क अकाउंट्स को मंजूरी दे दी गई. 


2023-24 बजट में बैंकों और आरबीआई को मिलाकर सरकार ने 48000 करोड़ रुपये डिविडेंड पाने का लक्ष्य रखा था. बीते वर्ष जब सरकार ने बैंक-आरबीआई को मिलाकर 73,948 करोड़ रुपये डिविडेंड का लक्ष्य रखा था तो उसे केवल 40,953 करोड़ रुपये मिले थे. लेकिन इस वर्ष सरकार के अनुमान से ज्यादा उसे डिविडेंड हासिल हुआ है. आरबीआई की ओर से सरकार को मिले इस शानदार डिविडेंड के बाद मोदी सरकार को राजको​षीय घाटे को कम करने में मदद मिलेगी. वैसे भी ये चुनावी वर्ष है तो सरकार को लोकलुभावन घोषणाओं को पूरा करने के लिए सरकार को इस फंड की दरकार थी. 


आरबीआई बोर्ड बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास के अलावा डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, मिशेल देबब्रत पात्रा, राजेश्वर राव, टी रबी शंकर शामिल हुए. इसके अलावा बोर्ड के दूसरे डायरेक्टर सतीश के मराठे, रेवती अय्यर, सचिन चतुर्वेदी, आवंद महिंद्रा, पंकज रमनभाई पटेल और रवींद्र ढोलकिया ने भी बैठक में शिरकत की. सरकार की तरफ से आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बैठक में भाग लिया.  


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