RBI News Update: भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान कई को-ऑपरेटिव बैंकों पर कड़ा एक्शन लिया. रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान 8 बैंकों का लाइसेंस रद्द करने के साथ ही 114 बैंकों पर भारी जुर्माना भी लगाया. को—ऑपरेटिव बैंक देश के ग्रामीण क्षेत्र और नगरी क्षेत्रों में बैंक सुविधाएं पहुंचाने में बड़ी भुमिका निभा चुके हैं. हालांकि वर्तमान समय में ये बैंक आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसके अलावा इन बैंकों के साथ कई और समस्याएं जुड़ी हुई हैं. वहीं आरबीआई नियमों का पालन नहीं करने वाले बैंकों पर कार्रवाई कर रहा है.
किन आठ बैंकों पर हुई कार्रवाई
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 में जिन आठ बैंकों पर कार्रवाई की है, उसमें मुधोल सहकारी बैंक, मिथल सहकारी बैंक, श्री आनंद सहकारी बैंक, रुपया सहकारी बैंक, डेक्कन सहकारी बैंक, लक्ष्मी सहकारी बैंक, सेवा विकास सहकारी बैंक और बाबाजी दाते महिला शहरी बैंक शामिल हैं.
क्यों किया गया इन बैंकों का लाइसेंस रद्द
इन बैंकों का लाइसेंस रद्द करने के पीछे इनके पास पर्याप्त पूंजी की कमी, रेगुलेटर एक्ट के तहत कानूनी नियमों के पालन करने में विफलता और भविष्य में कमाई की संभावना के कमी के कारण ये फैसला लिया गया है. इससे पहले आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022 में 12 बैंकों का लाइसेंस रद्द कर चुका था. वहीं 2021 के दौरान तीन बैंक और साल 2020 के दौरान दो सहकारी बैंकों को कारोबार बंद करने का आदेश दिया था.
114 बैंकों पर कितना लगा जुर्माना
आरबीआई किसी भी बैंक का लाइसेंस रद्द करने से पहले कई बार जुर्माना लगाकर बैंक को चेतावनी देता है. हालांकि अगर फिर बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जाता है या फिर कमाई की संभावना नहीं बढ़ती है तो उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाता है. आरबीआई ने 114 में से प्रत्येक बैंकों पर 50 हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना लगाया है.
ग्राहकों के पैसों का क्या होता है?
बैंक अगर जुर्माना लगता है तो ग्रहकों के पैसे पर इसका असर नहीं होता है. बैंक में जमा उनकी पूंजी निकालने की अनुमति होती है. ये जुर्माने की राशि बैंक को ही देनी होती है. वहीं लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में बैंक के ग्राहक 5 लाख की जमा पूंजी बीमा के माध्यम से निकाल सकते हैं.
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