प्रौद्योगिकी से काम आसान तो होता है, लेकिन इसके साथ अलग जटिलताएं और जोखिम पैदा होते हैं. हालिया सालों में यूपीआई (UPI) समेत अन्य नई प्रौद्योगिकियों ने भारत में डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) को दूर-दराज के गांवों तक पहुंचा दिया है. इससे पेमेंट करना आसान हुआ है और कैश लेकर चलने की जरूरत समाप्त हो गई है, लेकिन इसके साथ में जोखिम भी बढ़ गए हैं. ऐसा संभव है कि ये सिस्टम अचानक काम करना बंद कर दें. रिजर्व बैंक ने खुद यह बात स्वीकार की है.


पूरी तरह से अलग होगी प्रणाली


रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जारी सालाना रिपोर्ट (RBI Annual Report) में इन आशंकाओं पर बात की है. सेंट्रल बैंक ने साथ ही बताया है कि वह किसी भी परिस्थिति में काम करने वाली भुगतान प्रणाली तैयार कर रहा है. यह प्रणाली प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी विनाशकारी घटनाओं के दौरान महत्वपूर्ण लेनदेन के लिए उपयोगी होगी. यह नई प्रणाली मौजूदा भुगतान प्रौद्योगिकियों से अलग होगी.


आरबीआई ने दिया है ये नाम


रिजर्व बैंक ने प्रस्तावित आपातकालीन प्रणाली को ‘लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम’ यानी एलपीएसएस (LPSS) नाम दिया है. उसने कहा कि एलपीएसएस पारंपरिक प्रौद्योगिकियों से अलग होगा और इसे बहुत कम कर्मचारी कहीं से भी संचालित कर सकेंगे. ऐसे में यह किसी भी आपातकालीन स्थिति में डिजिटल पेमेंट कर पाना सुनिश्चित करेगा.


अभी इनसे हो रहा है काम


आपको बता दें कि बड़ी मात्रा में भुगतान के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी आरटीजीएस (RTGS), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर यानी एनईएफटी (NEFT) और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) जैसी मौजूदा भुगतान प्रणालियां तैयार की गईं हैं. इन प्रणालियों के साथ एक खामी है कि इनके लिए एडवांस आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और जटिल तारों के नेटवर्क की जरूरत पड़ती है.


इन स्थितियों में ठप हो जाएगा पेमेंट


अब मान लीजिए कि दुश्मन देश भारत पर हमला कर देता है और भयंकर युद्ध छिड़ जाता है. ऐसे में आरटीजीएस, एनईएफटी या यूपीआई जैसे सिस्टम को चलाना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि उनके लिए जरूरी इंफ्रा नहीं जुट पाएगा. इन्हें चलाने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत होती है. यह भी एक चुनौती है. इसी तरह अचानक कोई भयावह प्राकृतिक आपदा भी पूरे सिस्टम को तबाह कर सकती है. पेमेंट ठप हो जाने से कई जरूरी काम प्रभावित हो सकते हैं और पूरा देश एक झटके में ठिठक सकता है. इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखकर नई प्रणाली को डेवलप किया जा रहा है.


रिपोर्ट में सेंट्रल बैंक ने कही ये बात


आरबीआई ने मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी भयावह घटनाओं में मौजूदा प्रणालियां अस्थायी रूप से बंद हो सकती हैं. इसलिए ऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहने में समझदारी है. इस बात को ध्यान में रखकर आरबीआई ने एलपीएसएस की परिकल्पना की है, जो पारंपरिक तकनीकों से स्वतंत्र होगा और बेहद कम कर्मचारियों के साथ इसे कहीं से भी संचालित किया जा सकता है.


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