Reserve Bank Of India: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की सदस्य आशिमा गोयल का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर दुनिया में सबसे ऊंची रहेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे ‘सामान्यीकरण’ की ओर बढ़ रही है, लेकिन सेक्टर के लिए प्रोत्साहन और समर्थन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आगामी बजट में सरकार द्वारा ‘मजबूती’ के पथ पर कायम रहने की घोषणा से नियंत्रण और अनुकूलता को लेकर एक अच्छा संकेत मिलेगा.


इंटरव्यू में दी जानकारी
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री गोयल ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘भारत बेहतर वृहद आर्थिक मानदंडों के आधार पर काफी मुश्किल समय से बाहर निकल आया है. भारत की वृद्धि दर दुनिया में सबसे ऊंची रहने की उम्मीद है. इसके अलावा महंगाई दर भी संतोषजनक स्तर पर रहेगी.’’


गोयल ने कहा कि मौद्रिक-राजकोषीय समन्वय ने अच्छा काम किया है और प्रोत्साहन पर्याप्त हैं, लेकिन इन्हें ‘अत्यधिक’ नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा, ‘‘हम सामान्यीकरण की दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं. ​हालांकि, कमजोर प्रदर्शन वाले क्षेत्रों के लिए कुछ प्रोत्साहन और समर्थन जारी हैं.’’ उन्होंने कहा कि देश के वित्तीय क्षेत्र की सेहत दुरुस्त है.


RBI ने घटाया अनुमान 9.5 फीसदी
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने 2021 में 9.5 फीसदी और अगले वर्ष 8.5 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है.


महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा देश
अर्थव्यवस्था के लिए कोविड-19 के नए स्वरूप के खतरे पर गोयल ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने के उपायों और उचित नीतिगत समर्थन के साथ पुनरुद्धार टिकाऊ होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘अब देश महामारी की एक और लहर का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है. दूसरी लहर में अर्थव्यवस्था में व्यवधान कम था क्योंकि स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के साथ आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं सीमित रही थीं.’’


24 नवंबर को मिला था केस 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को कोविड-19 के अधिक संक्रामक नए स्वरूप B.1.1.1.529 (ओमीक्रोन) के पहले मामले की जानकारी दक्षिण अफ्रीका से 24 नवंबर को मिली थी. ऊंची मुद्रास्फीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में आयात मूल्य विशेषरूप से जिंसों के दाम शामिल हैं, लेकिन ये सर्दियों के बाद बने नहीं रहेंगे।


महंगाई हुई कुछ कम
उन्होंने कहा कि ईंधन कीमतों में कमी से महंगाई कुछ कम हुई है, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति का प्रभाव भारत में अधिक रहता है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा प्रोत्साहनों को वापस लिए जाने के सवाल पर गोयल ने कहा कि प्रोत्साहनों को तेजी से वापस लेने की घोषणा से वैश्विक बाजारों में कोई बड़ा व्यवधान नहीं हुआ, क्योंकि बाजार इसकी उम्मीद कर रहे हैं.


मुद्रा के रूप में उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध
उन्होंने कहा कि अमेरिका के मौद्रिक रुख में बदलाव से ‘निपटने’ में भारत अधिक बेहतर स्थिति में है. भारत अपनी नीतिगत दरों का घरेलू चक्र के साथ तालमेल बैठाकर आगे बढ़ सकता है. क्रिप्टोकरेंसी के सवाल पर एमपीसी की सदस्य ने कहा कि उन्हें ‘क्रिप्टो-टोकन’ कहना अधिक उचित होगा. उन्हें मुद्रा के समान स्वीकार्य नहीं माना जा सकता. मुद्रा के रूप में उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध होना चाहिए, लेकिन टोकन में रूप में उनका नियमन किया जा सकता है.


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