Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के बैंकों और वित्तीय संस्थानों (Financial Institution) को रेगुलेट करने का काम करती है. हाल ही रिजर्व बैंक ने स्कूल बोर्ड के साथ मिलकर स्कूली शिक्षा बोर्ड फाइनेंशियल प्लानिंग की क्लास को भी शामिल करने का फैसला किया है. खास बात ये है कि इस नए वित्तीय शिक्षा (Financial Knowledge) की क्लास को देश के तीन राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों ने अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने की इच्छा जाहिर की है. सोमवार को हुए एक कार्यक्रम में आरबीआई (RBI) के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि अगर हम स्कूल के समय से ही बच्चों को फाइनेंशियल प्लानिंग का ज्ञान देते हैं तो इससे बच्चों को आने वाले वक्त में बहुत लाभ मिलेगी.
इसके साथ ही देश में वित्तीय साक्षरता की दर में भी तेजी से इजाफा होगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के लिए आरबीआई सभी राज्यों के नियामक से बातचीत कर रहा है. इसके साथ ही देश के 2 से 3 राज्यों को छोड़कर सभी ने इसके लिए अपनी सहमति जताई है.
स्कूलों में शामिल किया जाएगा नया सिलेबस
इसके बाद अनिल कुमार शर्मा ने आगे कहा आरबीआई (RBI) राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है. इसके लिए सबसे पहले सभी राज्यों को सिलेबस को अच्छी तरह से चेक किया जाएगा. इसके बाद बच्चों की पाठ्यक्रम में बाद में इसे ऐड किया जाएगा. इस सिलेबस को खासतौर से 6 से 10वीं क्लास तक के बच्चों के लिए डिजाइन किया जाएगा. इससे आने वाली नई पीढ़ी में वित्तीय साक्षरता की दर बढ़ेगी. इसके साथ ही इस सिलेबस को समाज के हर तबके के अनुसार डिजाइन किया जाएगा जिससे इसका लाभ देश के हर वर्ग के बच्चों को मिल सकें.
देश में वित्तीय साक्षरता की है बेहद कमी
आपको बता दें कि इससे पहले एक सर्वे से यह पता चला था कि देश के बच्चों के बीच वित्तीय साक्षरता के बड़ी कमी पाई गई है. दो बड़ी ऑनलाइन वित्तीय काम से जुड़ी कंपनी Muvin और Momspresso ने एक सर्वे कराया था. इस सर्वे में 7 से 12 कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों और उनके माता पिता को शामिल किया गया है. इस सर्वे में यह पता चला था कि देश के 96 फीसदी किशोरों के माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चों को वित्तीय चीजों की सही जानकारी नहीं है. ऐसे में आरबीआई की यह नई पहल नई पीढ़ी के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकती है.
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