RBI Governor Shaktikanta Das : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को महंगाई टारगेट (Inflation Target) को लेकर बड़ी बात कही है. देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को लेकर कई बातों का जिक्र किया है. शक्तिकांत दास ने ग्लोबल इकोनॉमी के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बताया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI के गवर्नर ने एक इकोनॉमी समिट में शिरकत करते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति में 4 प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य पर फिर से विचार करना जल्दबाजी होगी.


उनका कहना है कि मुझे नहीं लगता कि इसमें किसी बदलाव की कोई आवश्यकता है. मुझे नहीं लगता कि महंगाई दर के लक्ष्य पर दोबारा गौर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि, "अभी गोल पोस्ट शिफ्ट करना जल्दबाजी होगी. 4 प्रतिशत लक्ष्य का एक निश्चित अर्थ है. नियम के तहत, मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत से 6 प्रतिशत बैंड में 4 प्रतिशत के लक्ष्य के साथ रखने की आवश्यकता है."


मुद्रास्फीति में आई कमी 


पिछले वर्ष 2022 में ज्यादातर महंगाई 6 प्रतिशत के स्तर से ऊपर रही है. पिछले दो महीनों में मुद्रास्फीति में कमी देखी गई है. RBI गवर्नर दास का कहना है कि, "वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति के टारगेट में कमी आ सकती है, लेकिन इसके लक्ष्य को बदलना जल्दबाजी करने जैसा होगा. मुद्रास्फीति के 2016 से 2020 तक औसत सीपीआई आंकड़ों को देखकर इसे 4 प्रतिशत के आसपास रखा गया है."


चिंता का विषय जरूर है महंगाई 


दास ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी 6 प्रतिशत से अधिक पर स्थिर है, यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि, "इससे निपटने के लिए आरबीआई को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. गवर्नर ने कहा कि फिलहाल, हमें मुख्य मुद्रास्फीति पर ध्यान देना रखना होगा." 


देखे क्या है आंकड़े 


वही दूसरी ओर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने कल 12 जनवरी को आंकड़े जारी किए हैं, जिसे देखकर पता चलता है कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति की दर पिछले महीने के 5.88 प्रतिशत से दिसंबर में 1 साल के निचले स्तर 5.72 प्रतिशत पर आ गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति अनुमान से नीचे है. हालांकि, मूल मुद्रास्फीति 6.31 फीसदी के आसपास रही है.  


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