रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चार सरकारी कंपनियों पर जुर्माना लगाया है. हजारों करोड़ रुपये का ये जुर्माना 4 सरकारी तेल व गैस कंपनियों पर लगा है. रिजर्व बैंक ने जिन कंपनियों पर जुर्माना लगाया है, उनमें ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ONGC Videsh Ltd), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (Indian Oil Corp), गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL India Ltd) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (Oil India Ltd) शामिल हैं.
इस कारण लगी है पेनल्टी
मिंट की एक खबर में मामले से जुड़े दो लोगों के हवाले से यह जानकारी दी गई है. उनका कहना है कि रिजर्व बैंक ने चारों सरकारी कंपनियों पर 2000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना लेट सबमिशन फीस के तौर पर लगा है. बताया जा रहा है कि चारों सरकारी कंपनियों ने अपने विदेशी निवेश के बारे में जानकारी देने में देरी की, इसी कारण उनके ऊपर कार्रवाई हुई है.
चारों पर 500-500 करोड़ पेनल्टी
खबर के अनुसार, रिजर्व बैंक के इस कदम से चारों सरकारी कंपनियों के विदेशी काम प्रभावित हो सकते हैं. अब ये चारों प्रभावित कंपनियां रिजर्व बैंक से एक्सटेंशन पाने का प्रयास कर रही हैं. सभी के ऊपर सेंट्रल बैंक ने 500-500 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है.
एसबीआई से हुई गलती
चारों कंपनियों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इन सभी सरकारी कंपनियों के विदेशी लेन-देन के लिए एसबीआई ही अथॉराइज्ड डीलर बैंक है. विदेशी निवेश के बारे में समयसीमा के भीतर जानकारी देने का काम अथॉराइज्ड डीलर बैंक का ही होता है. खबर के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय का भी यही मानना है कि देरी के लिए कंपनियां नहीं बल्कि एसबीआई जिम्मेदार है.
इतना है विदेश में निवेश
सरकारी तेल व गैस कंपनियां देश की ऊर्जा जरूरतों की अच्छे से पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विदेश स्थित कई स्ट्रेटजिक एसेट में निवेश करती हैं. अभी के समय में भारत की सरकारी तेल व गैस कंपनियों ने 25 देशों में स्थित करीब 55 एसेट में निवेश किया हुआ है और उनका कुल निवेश करीब 36.55 बिलियन डॉलर है.
जारी है सुलझाने का प्रयास
रिजर्व बैंक की इस कार्रवाई के बारे में अभी चारों में से किसी भी सरकारी कंपनी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है. हालांकि मिंट की खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि बातचीत को सुलझाने के प्रयास चल रहे हैं. जल्दी ही इस मामले में प्रोग्रेस होने की उम्मीद है.
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