कोरोना के झटके से उबरने में देश की अर्थव्यवस्था को लग सकते हैं 12 साल, जानें क्या कहती है RBI की रिपोर्ट?
Indian Economy: कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. आरबीआई (Reserve Bank of India) ने बताया कि देश को इससे उबरने में 12 साल लग जाएंगे.
Indian Economy: कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. आरबीआई (Reserve Bank of India) ने बताया कि देश को इससे उबरने में 12 साल लग जाएंगे. केंद्रीय रिजर्व बैंक की रिसर्च टीम की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि कोरोना की वजह से देश की इकोनॉमी को काफी नुकसान हुआ है. पिछले 3 सालों में भारत को उत्पादन में करीब 50 लाख करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा है.
साल 2034-35 उबर पाएगी अर्थव्यवस्था
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को कोराना से हुए नुकसान से निपटने में साल 2034-35 तक का समय लग सकता है. इसके अलावा उत्पादन घाटा 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के लिए क्रमश: 19.1 लाख करोड़ रुपये, 17.1 लाख करोड़ रुपये और 16.4 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति में संतुलन बनाने की जरूरत
आरबीआई की वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा एवं वित्त पर जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति के बीच समय-समय पर संतुलन बनाए रखना स्थिर वृद्धि की दिशा में पहला कदम होना चाहिए. हालांकि केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि यह रिपोर्ट उसकी अपनी राय नहीं है बल्कि रिपोर्ट तैयार करने वाले अंशदाताओं के विचारों का प्रतिनिधित्व करती है.
दूसरी लहर में भी देश को उठाना पड़ा था नुकसान
आपको बता दें कोरोना महामारी के बार-बार वापस आने की वजह से रिकवरी में लंबा समय लग सकता है. जून 2020 की तिमाही में आई तेज गिरावट के बाद दूसरी लहर में देश को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. आर्थिक गतिविधियां ठप्प हो गईं थी.
खत्म नहीं हुआ है कोरोना अभी भी
आरबीआई की शोध टीम ने कहा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप समेत कई देशों में अभी भी कोरोना संक्रमण फैला हुआ है. हालांकि, सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रही है.
जानें क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट कहती है कि भारत को महामारी की वजह से उत्पादन, आजीविका एवं जिंदगियों के मामले में बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है और इससे उबरने में कई साल लग सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 'आर्थिक गतिविधियां दो साल बाद भी मुश्किल से कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंच पाई हैं. भारत की आर्थिक बहाली महामारी के आघातों के अलावा गहरी संरचनात्मक चुनौतियों का भी सामना कर रही है.'
रूस-यूक्रेन वॉर का भी दिख रहा असर
इसके अलावा रूस एवं यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध ने भी आर्थिक पुनरुद्धार की रफ्तार को धीमा कर दिया है. युद्ध के कारण जिंसों के दाम बढ़ने, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य कमजोर होने और सख्त वैश्विक वित्तीय हालात ने भी मुश्किलें पैदा की हैं.
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