दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान हुए एक सप्ताह हो चुका है. इस सप्ताह बैंकों में 2000 रुपये के नोटों को बदलने का काम शुरू हो गया है. इसके साथ ही नोटबंदी की तरह नोटबदली में भी बैंकों का काम-काज बढ़ा हुआ है. रिजर्व बैंक को भी ऐसे में ज्यादा काम करना पड़ रहा है.


500 रुपये के नोटों की बढ़ी डिमांड


दरअसल 2000 रुपये के नोटों के बदले जाने का सीधा असर 500 रुपये के नोटों पर हो रहा है, जिनकी डिमांड अचानक बढ़ गई है. इसके चलते रिजर्व बैंक को दिन-रात काम करना पड़ रहा है. खबरों में बताया जा रहा है कि 2000 रुपये के नोटों की जगह पर 500 रुपये के नोटों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक चौबीसों घंटे और सातों दिन काम कर रहा है.


इस कारण आया था 2000 का नोट


रिजर्व बैंक ने नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के नोट को पेश किया था. नोटबंदी के दौरान तत्कालीन प्रचलन के 500 रुपये के और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया था. उस समय एक बार में भारी मात्रा में नकदी की आपूर्ति करने की जरूरत थी, इसी कारण सेंट्रल बैंक ने 2000 रुपये की बड़ी करेंसी बाजार में उतारने का फैसला लिया था.


बदले जा रहे हैं 2000 के नोट


अब जब नोटबदली का ऐलान हुआ है, रिजर्व बैंक के सामने बड़ी मात्रा में 500 रुपये के नोटों की छपाई करने का टास्क आ गया है. रिजर्व बैंक ने बताया था कि अभी बाजार में 3.62 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के बराबर 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में हैं. इन्हें रिप्लेस करने के लिए रिजर्व बैंक को इतनी वैल्यू के 500 रुपये के नोटों की छपाई करनी होगी. यही कारण है कि रिजर्व बैंक को दिन-रात काम करना पड़ रहा है.


अकाउंट में करा सकते हैं जमा


आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को बंद नहीं किया है. सेंट्रल बैंक का कहना है कि लेन-देन में इन नोटों का इस्तेमाल अभी भी किया जा सकता है. हालांकि रिजर्व बैंक ने लोगों को सलाह दिया है कि वे 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोटों को बैंक जाकर बदलवा लें. एक व्यक्ति एक बार में 2000 रुपये के 10 नोट यानी 20 हजार रुपये तक की अदला-बदली करा सकता है. नोटों को बदलने की प्रक्रिया सभी बैंक शाखाओं 22 मई से शुरू हो चुकी है. लोग इन नोटों को अपने खाते में डिपॉजिट भी करा सकते हैं. बैंक अकाउंट में नोट डिपॉजिट कराने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.


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