Residential Units Rates: बढ़ रही है घरों की मांग, जानिए देश के 8 प्रमुख शहरों में बीती तिमाही में कितने बढ़े दाम
वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में नए रेसीडेंशियल प्रोजेक्ट्स की शुरुआत कोविड महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है. वहीं ब्याज दरों में हालिया इजाफे के बावजूद घरों की बिक्री में तेजी बनी रहेगी.
Home Rate Increased: देश के आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान रेसीडेंशियल यूनिट्स की कीमतों में सालाना आधार पर 11 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस दौरान मांग बढ़ने और निर्माण लागत में तेज बढ़ोतरी से घरों की कीमतें बढ़ीं. रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन क्रेडाई, रियल एस्टेट सलाहकार फर्म कोलियर्स और डेटा एनालिस्ट फर्म लियासे फोरस की एक साझा रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है. इन तीनों ने मिलकर पहली बार घरों की कीमतों पर निगरानी रखने संबंधी रिपोर्ट जारी की है.
जानिए देश के अलग-अलग शहरों में रेसीडेंशियल यूनिट्स की कीमतें कितनी बढ़ीं
- रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के इलाके में सबसे ज्यादा 11 फीसदी कीमतें बढ़ीं और जनवरी-मार्च तिमाही में रेसीडेंशियल यूनिट्स की कीमत 7,363 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई.
- हैदराबाद में एक साल पहले की तुलना में जनवरी-मार्च, 2022 की अवधि में रेसीडेंशियल यूनिट्स की कीमत नौ फीसदी बढ़कर 9,232 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गई.
- इस तिमाही में अहमदाबाद में कीमतें आठ फीसदी बढ़कर 5,721 रुपये प्रति वर्ग फुट और कोलकाता में छह फीसदी बढ़कर 6,245 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं.
- हालांकि बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई महानगर क्षेत्र में घरों की कीमतों में सिर्फ एक फीसदी की ही बढ़ोतरी देखी गई.
- बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई तीनों रियल एस्टेट बाजारों में रेसीडेंशियल यूनिट्स की कीमत क्रमशः 7,595 रुपये, 7,107 रुपये और 19,557 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई.
- पुणे में घरों की कीमत में एक साल पहले की तुलना में तीन फीसदी की तेजी देखी गई और यह 7,485 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गई.
- इस तरह कुल मिलाकर आठ प्रमुख शहरों में घरों के दाम देखें तो चौथी तिमाही में 11 फीसदी तक बढ़ चुके हैं.
रिपोर्ट तैयार करने वाली कंपनी का क्या कहना है
क्रेडाई, कोलियर्स और लियासे फोरस ने एक साझा बयान में कहा कि अधिकांश शहरों में घरों की मांग में तेजी आई है. इसके अलावा पिछले दो साल से निर्माण सामग्रियों के भाव भी आसमान छूने लगे हैं. इसकी वजह से सालाना आधार पर घरों के दाम सभी आठों शहरों में कोविड-पूर्व स्तर से आगे निकल चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में औसत आवासीय कीमतें लंबी सुस्ती के बाद जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में एक साल पहले की तुलना में चार फीसदी बढ़ गईं. यह दर्शाता है कि रेसीडेंस बाजार अब पुनरुद्धार की राह पर चल पड़ा है.
कंपनियों के रियल एस्टेट जानकारों का कहना क्या है
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमेश नायर ने अगली दो-तीन तिमाहियों में घरों की कीमत में अभी 5-10 फीसदी की और बढ़ोतरी का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा, ‘‘अपने इस्तेमाल के लिए घर लेने वालों को बाजार में भरोसा है और विश्वसनीय डेवलपरों के प्रति झुकाव होने से इस साल उनकी बिक्री ज्यादा रह सकती है."
लियासे फोरस के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में नई आवासीय परियोजनाओं की शुरुआत महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई. ब्याज दरों में हालिया वृद्धि के बावजूद घरों की बिक्री में तेजी बनी रहेगी.
क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने उम्मीद जताई कि सरकार की तरफ से इस्पात के कच्चे माल पर लगाई गई बंदिशों से निर्माण लागत में आने वाली कमी का फायदा अपने इस्तेमाल के लिए घर खरीदने वालों को भी पहुंचाया जाएगा.
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