मार्च महीने में गाड़ियों की बिक्री कमजोर रही. गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में मार्च 2020 की तुलना में 28.64 फीसदी की तेज गिरावट दर्ज की गई है. सिर्फ कारों और ट्रैक्टरों को छोड़ कर वाहनों की सभी कैटेगरी की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल अप्रैल और इस साल अप्रैल के बीच गाड़ियों की रिटेल बिक्री में सिर्फ एक बार दिसंबर, 2020 में बढ़ोतरी हुई थी.
टू-व्हीलर्स की बिक्री में लगातार गिरावट
पिछले कुछ महीनों से टू-व्हीलर्स की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है. मार्च महीने में इसमें थोड़ी से बढ़त दर्ज हो सकती थी लेकिन वो उम्मीद भी अब खत्म होती दिख रही है. विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोअर और लोअर मीडिल क्लास के लोगों में बढ़ी बेरोजगारी और पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी ने वाहनों की बिक्री घटा दी है. इसके अलावा कच्चा माल महंगा होने से गाड़ियों की के दाम में भी बढ़ गए हैं. इस वजह से भी गाड़ियों की रिटेल बिक्री में गिरावट आई है. अप्रैल का महीना गाड़ियोंकी बिक्री के हिसाब से अच्छा माना जाता है क्योंकि गुड़ी पड़वा और पोइला बैशाख, बैशाखी और पोइला बैशाख जैसे त्योहारों और शादियों के सीजन की वजह से इनकी मांग में इजाफा होता है. लेकिन अब यह उम्मीद भी खत्म होती दिख रही है क्योंकि कोरोना संक्रमण के प्रतिबंधों ने ऑटो डीलरों के पास ग्राहकों का आना कम कर दिया है.
सिर्फ ट्रैक्टरों की बिक्री बढ़ी
पिछले साल की तुलना में इस साल मार्च में टू-व्हीलर्स की बिक्री में 35.26 फीसदी की गिरावट आई है, और यह 11,95,444 यूनिट पर पहुंच गई है, वहीं कॉमर्शियल व्हेकिल की बिक्री भी 42.2 पीसदी घट कर 67,372 यूनिट्स पर आ गई है. थ्री-व्हीलर्स की बिक्री 50.72 फीसदी घट कर 38,034 यूनिट रह गई है. सिर्फ कारों और ट्रैक्टर की बिक्री में बढ़त दर्ज की गई है. कारों की बिक्री में 28.39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई वहीं ट्रैक्टरों की बिक्री 29.21 फीसदी बढ़ गई है.
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