नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और गिरते रुपये से अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना कर रही केंद्र सरकार के लिए बुधवार का दिन कुछ राहत भरा रहा. बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अगस्त माह में खुदरा महंगाई दर 10 महीने के निचले स्तर पर रही, तो जुलाई में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि (आईआईपी) 6.6 फीसदी पर पहुंच गई.


केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, फल और सब्जियों सहित रसोई का सामान सस्ता होने से खुदरा महंगाई दर घटी है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर एक महीना पहले जुलाई में 4.17 फीसदी और पिछले साल अगस्त में 3.28 फीसदी रही थी.


आईआईपी
विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन और पूंजीगत वस्तुओं और टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उठाव बढ़ने से जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर 6.6 फीसदी रही. एक साल पहले इसी महीने में यह करीब एक फीसदी रही थी.


जून की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर को संशोधित कर 6.8 फीसदी कर दिया गया है. पहले इसके सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सात फीसदी रही. एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पाद 0.1 फीसदी घटा था.


जुलाई में टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 14.4 फीसदी बढ़ा, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह 2.4 फीसदी घटा था. इसी तरह पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन जुलाई में तीन फीसदी बढ़ा. जुलाई, 2017 में यह 1.1 फीसदी घटा था.


वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 5.4 फीसदी रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 1.7 फीसदी रही थी.


आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट किया, ‘‘अगस्त का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जुलाई के 4.17 फीसदी से कम होकर 3.69 फीसदी पर आ गया. इससे खुदरा महंगाई दर में सुधार के संकेत मिलते हैं. जुलाई में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 6.6 फीसदी रही.’’


यस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सुभदा राव ने कहा की खुदरा महंगाई दर के आंकड़े उम्मीद के अनुरूप रहे. ‘‘अगले महीने हमें खुदरा महंगाई दर चार फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है. हालांकि, आज के निम्न महंगाई दर आंकड़ों पर बाजार की उठापटक की छाया पड़ गई.’’