Retail Inflation Data: खेतिहर और ग्रामीण मजदूरों पर भी महंगाई की मार, खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ा बजट
Retail Inflation Data Update: मई महीने में खाने पीने की चीजों के दामों में बढ़ोतरी के चलते खेतिहर मजदूर के लिए खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी से बढ़कर 6.67 फीसदी पर चला गया है.
Retail Inflation Data: देश में महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है और इससे अछूता खेतिहर - ग्रामीण मजदूर भी नहीं है. मई महीने में खाने पीने की चीजों के दामों में बढ़ोतरी के चलते खेतिहर मजदूर के लिए खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी से बढ़कर 6.67 फीसदी पर चला गया है. वहीं ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई दर 6.67 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी पर आ गया है.
श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक खाने पीने की चीजों की खुदरा महंगाई दर खेतुहर मजदूरों के लिए 5.29 फीसदी से बढ़कर 5.44 फीसदी और ग्रामीण मजदूरों के लिए 5.35 फीसदी से बढ़कर 5.51 फीसदी पर आ गया है. ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स मई, 2022 में बढ़कर खेतिहर मजदूरों के लिए 11 प्वाइंट बढ़कर 1119 और ग्रामीण मजदूरों के लिए 12 प्वाइंट बढ़कर 1131 प्वाइंट पर आ गया है. दरअसल एग्रीकल्चर लेबर और ग्रामीण मजूदरों के लिए इंडेक्स के मुताबिक चावल, गेंहू-आटा, ज्वार, बाजरा, दूध, मीट-गोट, फ्रेश-ड्राई मछली, चिली ड्राई, सब्जी-फल और मसालों के दामों में बढ़ोतरी देखी गई है.
इससे पहले मई के महीने में थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी रही है. जबकि अप्रैल महीने में 15.08 फीसदी रही थी. थोक महंगाई दर में ये इजाफा मुख्य रूप से खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने की वजह से देखने को मिली है. तो इस दौरान ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर में भी इजाफा हुआ है. मई महीने में खुदरा महंगाई मई, 2022 में खुदरा महंगाई दर ( Consumer Price Index) में कमी आई है. मई में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही है जबकि अप्रैल में 7.79 फीसदी पर थी.
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