महंगाई की मार से परेशान हो रहे आम लोगों को धीरे-धीरे राहत मिलने लगी है. आंकड़े बताते हैं कि जनवरी महीने के दौरान औद्योगिक मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई की दर में कमी आई. अब यह महंगाई कम होकर साढ़े चार फीसदी के करीब आ गई है.
औद्योगिक मजदूरों के लिए महंगाई की दर
श्रम मंत्रालय ने गुरुवार को औद्योगिक मजदूरों के लिए महंगाई के बारे में आधिकारिक बयान जारी किया. मंत्रालय ने बयान में बताया कि जनवरी महीने के दौरान इन मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई की दर कम होकर 4.59 फीसदी पर आ गई. औद्योगिक मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई की दर इससे एक महीने पहले यानी दिसंबर 2023 में 4.91 फीसदी पर रही थी. इस महंगाई की दर साल भर पहले 6.16 फीसदी थी.
इस तरह कम हुई खाद्य महंगाई
औद्योगिक मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई की दर यानी सीपीआई- इंडस्ट्रियल वर्कर्स में आई इस कमी की मुख्य वजह खाद्य महंगाई की नरमी है. मंत्रालय के अनुसार, जनवरी महीने में खाद्य महंगाई कम होकर 7.66 फीसदी पर आ गई, जो एक महीने पहले दिसंबर 2023 में 8.18 फीसदी रही थी. हालांकि साल भर पहले की तुलना में इस महंगाई की दर अभी भी काफी ऊपर है. साल भर पहले यानी जनवरी 2023 में खाद्य महंगाई की दर सिर्फ 5.69 फीसदी रही थी.
मजदूरों के ऊपर इन खर्चों से बढ़ा दबाव
मंत्रालय के अनुसार, जनवरी महीने के दौरान औद्योगिक मजदूरों पर मकान के किराए से लेकर तंबाकू और पान मसाला आदि के खर्च ने प्रेशर डाला. जनवरी महीने में हाउस रेंट, लेडिज सुटिंग, केजुअल वियर, कॉटन साड़ी, ऊनी स्वेटर, प्लास्टिक/पीवीसी के जूते, सिलाई-कताई के चार्ज, तंबाकू, शराब और पान मसाला आदि के मामले में महंगाई में तेजी आई. यानी इन चीजों के दाम जनवरी में तेजी से बढ़े.
इन चीजों की महंगाई में नरमी
वहीं दूसरी ओर खाने-पीने की चीजों ने मजदूरों को महंगाई से राहत दिलाई. जनवरी महीने में प्याज, आलू, टमाटर, बैंगन, अदरख, मटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, फ्रेंच बीन्स, भिंडी, केला, अंगूर, पपीता, अनार, ताजे नारियल आदि के भाव में नरमी आई. मजदूरों को मिट्टी के तेल और चारकोल जैसे सामानों ने भी महंगाई से राहत दिलाई.
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