नई दिल्लीः आज आर्थिक मोर्चे पर दो खबरें आई हैं जिसमें एक खबर से आपको खुशी होगी और दूसरी खबर से आपको निराशा हाथ लग सकती है. आम जनता को महंगाई के मोर्चे पर तो झटका ही लगा है. आज जारी हुए आंकड़ों में मई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति (रिटेल महंगाई) बढ़कर 4.87 फीसदी पर पहुंच गई है जबकि अप्रैल में यह 4.58 फीसदी पर थी. कुछ खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से मई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.87 फीसदी हो गई है. बताया जा रहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति 4 महीने के उच्च स्तर पर आ गई है.
आयकर रिटर्न (ITR) देरी से भरने पर देनी होगी 10,000 रुपये तक की पेनल्टी
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कोर प्राइस इन्फ्लेशन (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में 4.58 फीसदी थी जबकि पिछले साल मई महीने में यह 2.18 फीसदी थी. इस तरह एक साल के लिहाज से देखा जाए तो महंगाई दर में दोगुने से ज्यादा का इजाफा देखा गया है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार मई में खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य महंगाई बढ़कर 3.10 फीसदी पहुंच गयी जो अप्रैल में 2.8 फीसदी थी. ग्लोबल संकेतों का असरः सेंसेक्स 209 अंक ऊपर 35,700 के करीब, निफ्टी 10,842 पर बंद
अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की विकास दर बढ़कर 4.9%
मैन्यूफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन के चलते अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की विकास दर बढ़कर 4.9 फीसदी पर पहुंच गई है. पिछले साल इसी महीने में औद्योगिक उत्पादन 3.2 फीसदी बढ़ा था और इस साल मार्च में औद्योगिक उत्पादन की विकास दर 4.4 फीसदी रही थी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 77 फीसदी वेटेज रखने वाले मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन अप्रैल में काफी अच्छा रहा. अप्रैल में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन पिछले साल के समान महीने की तुलना में 5.2 फीसदी बढ़ा. अप्रैल 2017 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 2.9 फीसदी रही थी.
इसी तरह अप्रैल में माइनिंग सेक्टर की विकास दर 5.1 फीसदी रही , जो एक साल पहले समान महीने में 3 फीसदी रही थी. हालांकि अप्रैल महीने में बिजली क्षेत्र की विकास दर घटकर 2.1 फीसदी रह गई , जो एक साल पहले समान महीने में 5.4 फीसदी रही थी.