(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Retail Investors: हर 10 में से 9 लोगों को हो रहा है घाटा, फिर भी अगस्त में रिटेल इन्वेस्टर्स ने बना दिया ये रिकॉर्ड
Derivatives Market: फ्यूचर एंड ऑप्शंस को बाजार में काफी रिस्की माना जाता है. इस सेगमेंट में 90 फीसदी रिटेल इन्वेस्टर घाटा उठाते हैं, फिर भी इसमें उनकी भागीदारी लगातार बढ़ रही है...
भारतीय बाजार में रिटेल इन्वेस्टर्स की एक्टिविटीज लगातार बढ़ रही हैं. इन्वेस्टर्स का हाल कुछ ऐसा है कि वे बेहद रिस्की माने जाने वाले डेरिवेटिव सेगमेंट में भी खूब एक्टिव हैं. यहां तक कि बाजार नियामक सेबी की लगातार वॉर्निंग का भी कोई खास असर नहीं हो रहा है. यही कारण है कि रिटेल इन्वेस्टर्स ने डेरिवेटिव सेगमेंट में पिछले महीने नया रिकॉर्ड बना दिया है.
जीरो-डे ऑप्शंस का है कमाल
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई पर डेरिवेटिव में ट्रेडिंग करने वाले रिटेल पार्टिसिपेन्ट की संख्या अगस्त महीने में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. रिपोर्ट के अनुसार, जीरो-डे ऑप्शंस रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. इन ऑप्शंस की खासियत है कि उनकी एक्सपायरी डेली होती है और उनकी कॉस्ट भी तुलनात्मक तौर पर कम होती है. डेरिवेटिव सेगमेंट में रिटेल इन्वेस्टर्स की भागीदारी को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचाने में जीरो-डे ऑप्शंस की बढ़ती लोकप्रियता का अहम योगदान है.
अगस्त में बन गया ये रिकॉर्ड
रिपोर्ट में एनएसई के डेटा के अनुसार बताया गया है कि जुलाई महीने के दौरान सप्ताह के 5 में से 4 दिन मुख्य तौर पर इंडेक्स ऑप्शन में ट्रेड करने वाले रिटेल इन्वेस्टर की संख्या 3.7 मिलियन पर थी. यह 2022-23 के मंथली एवरेज 2.8 मिलियन की तुलना में पहले ही ठीक-ठाक ज्यादा था. उसके बाद अगस्त में ऐसे इन्वेस्टर्स की संख्या 4 मिलियन पर पहुंच गई, जो नया रिकॉर्ड है.
बीएसई ने भी कर दी शुरुआत
जीरो-डे ऑप्शंस बाजार में खुदरा निवेशकों की नई पसंद बनकर उभर रहे हैं. एनएसई पर पहले से ही ये ऑप्शन कांट्रैक्ट उपलब्ध हैं. इनकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए हाल ही में बीएसई ने भी इसकी शुरुआत की है. बीएसई ने इसी साल मई में सप्ताह के हर रोज एक्सपायर होने वाले सेंसेक्स ऑप्शन की शुरुआत की है.
सेबी ने हाल ही में दी ये वॉर्निंग
यह स्थिति तब है, जब ऑप्शंस ट्रेडिंग को काफी रिस्की माना जाता है. बाजार नियामक सेबी लगातार इसे लेकर इन्वेस्टर्स को आगाह करते आ रहा है. सेबी ने इसी मई में सभी ब्रोकर्स को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वे अपनी वेबसाइट पर रिटेल इन्वेस्टर्स को डेरिवेटिव ट्रेडिंग के जोखिम के बारे में सचेत करें. साथ ही सेबी ने हर डेरिवेटिव ऑर्डर के साथ भी वॉर्निंग लगाने के लिए कहा है.
इस तरह से होता है नुकसान
दरअसल रिटेल इन्वेस्टर सबसे ज्यादा डेरिवेटिव ट्रेडिंग में ही घाटा उठाते हैं. सेबी के आंकड़े बताते हैं कि फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेड करने वाले हर 10 में से 9 रिटेल इन्वेस्टर को घाटा होता है. ऐसे इन्वेस्टर्स का औसत नुकसान 50 हजार रुपये है.
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