Year Ender 2022: रिटेल निवेशकों ने 2022 में दिखाया अपना दम! विदेशी निवेशक अब नहीं तय कर रहे भारतीय बाजार की दिशा दशा
Year Ender 2022: विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली के बावजूद भारतीय बाजारों पर इसका असर नहीं पड़ा. क्योंकि रिटेल निवेशकों ने बाजार को गिरने से थाम लिया.
Indian Stock Market In 2022: मौजूदा साल 2022 में पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही थी. वजह रूस के यूक्रेन पर हमले और दूसरा कमोडिटी के दामों में तेज उछाल के चलते कमरतोड़ महंगाई. लेकिन दुनियाभर के बाजारों में जो कुछ भी हो रहा था उससे होने वाले असर के हल्के फुलके झटकों को छोड़ दें तो भारतीय बाजारों ने लगभग विदेशी संकेतों को अनसुना कर दिया जिसका श्रेय जाता देश के रिटेल निवेशकों को, जिन्हें शेयर बाजार में निवेश अब खूब रास आ रहा है. 2022 में केवल भारतीय शेयर बाजार ही दुनिया का ऐसा बाजार है जिसने निवेशकों को पॉजिटिव रिटर्न दिया है. जबकि चीन, अमेरिका यूरोपीय बाजारों ने नेगेटिव रिटर्न दिया है.
विदेशी निवेशकों के भरोसे नहीं भारतीय बाजार!
2022 में रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कमोडिटी के दामों में तेजी उछाल देखने को मिली. कच्चा तेल 139 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड हाई पर जा पहुंचा था. खाद्य वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छू रही थी. भारत में खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2022 में 7.79 फीसदी रहा था. जिसके बाद आरबीआई ने पांच बार पॉलिसी रेट्स में बढ़ोतरी की. अमेरिका यूरोप में महंगाई के चलते वहां के सेंट्रल बैंक ने भी कर्ज महंगा किया. जिसके चलते 2022 में नैसडैक में 30 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. वहां मंदी आने की आशंका जाहिर की जा रही है. फेड रिजर्व के कर्ज महंगा करने के चलते भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों ने अपना निवेश निकालना शुरू कर दिया. विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 2 लाख रुपये के करीब अपना निवेश निकाल लिया था. इसके चलते भारतीय बाजारों में गिरावट आई लेकिन रिटेल निवेशकों ने विदेशी निवेशकों की बिकवाली से होने वाले बड़े गिरावट से बाजार को बचा लिया. नतीजा सेंसेक्स ने 63600 तो निफ्टी 18900 के लेवल के करीब जा पहुंचा है. अब हालत ये है कि विदेशी निवेशक फिर से भारतीय बाजार का रूख करने लगे हैं.
म्यूचुअल फंड के SIP में बढ़ता भरोसा
जो निवेशक सीधे शेयर बाजार में निवेश नहीं करना चाहते वे म्यूचुअल फंड के रास्ते सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए बाजार में निवेश कर रहे हैं. म्यूचुअल फंड सेक्टर (Mutual Funds Sector) की नियामक संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए किया जाने निवेश रिकॉर्ड बना रहा है. नवंबर महीने में SIP निवेश 13,307 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर जा पहुंचा है जबकि अक्टूबर में 13,040 करोड़ रुपये का निवेश आया था. ये लगातार दूसरा महीने है जब SIP के जरिए आने वाले निवेश 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है तो मई के बाद से लगातार एसआईपी में निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा है. म्यूचुअल फंड में छोटे निवेशकों के भारी निवेश से शेयर बाजार को सहारा मिला है. विदेशी निवेशकों को बेरूखी के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों को थामे रखा.
रिटेल निवेशकों का कैसे बढ़ा भरोसा
करोना महामारी के पहले लहर में देश में जब लॉकडाउन लगा तब भारतीय शेयर बाजार में सुनामी आ गई. निफ्टी 7500 तो सेंसेक्स 25000 अंकों के करीब जा लुढ़का. लॉकडाउन के चलते लोगों को घर की चारदीवारी के भीतर बंद रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. दफ्तर का काम अब लोग घर से कर रहे थे. बाजार में जब भारी गिरावट आई तब वैल्यूएशन आकर्षित हो चुके थे. ऐसे में रिटेल निवेशकों ने बाजार में निवेश करना शुरू किया. और अगले दो सालों में उन्होंने बाजार से जबरदस्त कमाई की. रिटेल निवेशकों के बाजार में भागीदारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है मार्च 2020 से पहले देश में 4 करोड़ से भी कम डिमैट खाताधारक थे जो अब बढ़कर 11 करोड़ के करीब हो चुका है. बीते एक साल में 3.30 करोड़ लोगों ने डिमैट खाते खोलें हैं.
IPO बाजार ने दिया शानदार रिटर्न
2021 के अंत में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुए टेक कंपनियों को छोड़ दें तो 2022 में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई कई कंपनियों ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. इसमें अडानी समूह की कंपनी अडानी विल्मर शामिल है. इसके अलावा वेदांत फैशंस, वीरांदा लर्निंग, कैम्पस एक्टिव, प्रूडेंट एडवाइजर्स, वीनस पाइप्स जैसे आईपीओ ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है.
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