(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vegetable Prices: जल्द घटेंगे टमाटर, प्याज और आलू के रेट, नहीं शुरू होगी सब्सिडी वाली सेल
Tomato Onion and Potato Rate: भीषण गर्मी और उसके बाद भारी बारिश के चलते सप्लाई में दिक्कतें आने से इन सब्जियों के दाम तेजी से उछल रहे थे. अब सरकार को स्थिति में सुधार होने की पूरी उम्मीद है.
Tomato Onion and Potato Rate: टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों ने पिछले कुछ समय से लोगों की आंखों से आंसू निकाल दिए हैं. पहले तेज गर्मी और उसके बाद बारिश के चलते इन सब्जियों के भाव तेजी से ऊपर जा रहे थे. अब सरकार ने उम्मीद जताई है कि स्थिति में सुधार आ रहा है और जल्द इन सब्जियों के दाम नीचे आने लगेंगे. दक्षिण भारत के राज्यों से भी आपूर्ति बढ़ने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में टमाटर, प्याज और आलू के रेट नीचे आएंगे और जनता को राहत मिल सकेगी.
सप्लाई में कमी आने से बढ़ गईं कीमतें
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में टमाटर की रिटेल कीमत 75 रुपये प्रति किलोग्राम, मुंबई में 83 रुपये प्रति किग्रा और कोलकाता में 80 रुपये प्रति किग्रा पहुंच चुकी है. टमाटर की कीमत सप्लाई की वजह से बढ़ रही थी. सरकार का कहना है कि दिल्ली और कई अन्य शहरों में टमाटर, आलू और प्याज की कीमतें ऊंची चल रही हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, भीषण गर्मी और ज्यादा बारिश के कारण सप्लाई में कई दिक्कतें आ रही थीं. इसके चलते कीमतों में उछाल को रोका नहीं जा सका.
सब्सिडी वाली बिक्री फिर से नहीं शुरू
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, टमाटर का औसत रिटेल प्राइस 12 जुलाई को 65.21 रुपये प्रति किग्रा था. पिछले साल यह आंकड़ा 53.36 रुपये प्रति किलोग्राम था. दिल्ली में टमाटर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से आ रहा है. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से हाइब्रिड टमाटर के आते ही कीमतें कम होने लगेंगी. हालांकि, सरकार टमाटर की सब्सिडी वाली बिक्री फिर से शुरू नहीं करेगी. पिछले साल कीमत 110 रुपये प्रति किलो हो जाने पर यह उपाय लागू किया गया था.
सब्जियों के चलते खुदरा महंगाई में आया उछाल
अधिकारी ने बताया कि देश में फिलहाल आलू 283 लाख टन स्टोर्स में है. पिछले वर्ष की तुलना में कम उत्पादन के बावजूद यह घरेलू डिमांड मांग को पूरा कर सकता है. महाराष्ट्र के थोक बाजारों में प्याज की कीमतें कम हो गई हैं. सितंबर में नई फसल आने के साथ ही रेट और कम हो जाएंगे. दिल्ली में आलू की कीमत 40 रुपये प्रति किलो थी. उधर, प्याज की कीमत 57 रुपये प्रति किलो हो गई है. आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की कीमतों के कारण जून में खुदरा महंगाई बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.08 फीसदी पर पहुंच गई.
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