(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
शॉपिंग के लिए जरूरी नहीं है मोबाइल नंबर, दुकानदारों की मनमर्जी पर अब लगेगी लगाम!
Right to Privacy: सरकार ग्राहकों की निजता के अधिकार के हनन को रोकने के लिए जल्द ही बड़ा कदम उठाने वाली है. इसके बाद ग्राहकों को अपना मोबाइल नंबर दुकानदारों को शेयर नहीं करना होगा.
Customers Mobile Number: जब भी ग्राहक दुकान या किसी स्टोर पर सामान खरीदने जाते हैं तो दुकानदार उनके मोबाइल नंबर की मांग करता है. मोबाइल नंबर रजिस्टर (Mobile Number) होने के बाद ही दुकानदार आपको बिल देता है, लेकिन अब आपको नंबर देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. केंद्र सरकार जल्द ही एक ऐसा कदम उठाने जा रही है, जिसके बाद उपभोक्ताओं को अपना नंबर शेयर करना नहीं पड़ेगा.
बिना मोबाइल नंबर के नहीं देते हैं सर्विस
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है कि ग्राहकों की मर्जी के खिलाफ उनके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करना उनकी प्राइवेसी में दखल माना जाएगा. पिछले कुछ समय में मोबाइल नंबर के जरिए कई अनुचित व्यापार व्यवहार के मामले सामने आए हैं. ग्राहकों ने कई रिटेल दुकानदारों के खिलाफ शिकायत की है कि अगर उन्होंने अपना मोबाइल नंबर नहीं दिया तो दुकानदार उन्हें सर्विस देने से मना कर देते हैं. वहीं दुकानदारों का इस मामले में यह कहना है कि बिना मोबाइल नंबर के वे बिल जनरेट नहीं कर सकते हैं.
ग्राहकों की मर्जी के खिलाफ नहीं ले सकते हैं मोबाइल नंबर
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस पर कहा है कि दुकानदार और स्टोर मालिक किसी भी ग्राहक को मोबाइल नंबर देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. इसके साथ ही वे सर्विस देने से केवल इसलिए मना नहीं कर सकते हैं क्योंकि ग्राहक ने अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं कराया है. मंत्रालय के इस नए नियम की जानकारी देशभर के सभी रिटेल दुकानदारों को उनका प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकायों के माध्यम से दी जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक वे सभी दुकानदारों को साफ-साफ दिशा निर्देश देंगे कि अगर कोई ग्राहक अपना मोबाइल नंबर नहीं देना चाहता है तो दुकानदार उसे ऐसा करने के लिए जोर नहीं दे सकता है.
ग्राहकों की निजता की है चिंता
गौरतलब है कि भारत में खरीददारी करने के लिए मोबाइल नंबर देना आवश्यक नहीं है, लेकिन ज्यादातर ग्राहकों को अपना नंबर स्टोर पर देना पड़ता है. ऐसे में उसकी निजता के अधिकार का हनन होता है. मोबाइल नंबर शेयर किए जाने के कारण पिछले कुछ सालों में फ्रॉड के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. ऐसे में सरकार का यह कदम ग्राहकों के हक में होगा.
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