Retirement Planning Tips: महंगाई के असर की गणना किए बिना रिटायरमेंट के बाद के खर्च का अनुमान लगाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है. लिहाजा रिटायरमेंट से पहले ऐसे निवेश माध्यम में निवेश करना चाहिए जो महंगाई बढ़ने  की दर से ज्यादा रिटर्न दे सके. इसके लिए इक्विटी और म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करना अच्छी स्ट्रेटेजी हो सकती है. 


कैसे लगाएं हिसाब
अगर आप फिलहाल हर महीने 50,000 रुपये का खर्च करके अपना घर सुचारू रूप से चला रहे हैं तो 25 साल बाद 8 फीसदी की महंगाई की दर से यही मंथली खर्च बढ़कर 3.5 लाख रुपये महीने के स्तर पर आ जाएगा. लिहाजा आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें.


अलग-अलग गोल के लिए अलग-अलग रकम की होगी जरूरत


35 साल की उम्र से रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करने वालों को 50 फीसदी रकम इसके लिए रखनी चाहिए. इक्विटी, ईपीएफ, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश ऑप्शंस को चुनें जो महंगाई को मात देकर बेहतर रिटर्न दिलाने में सक्षम हैं. 


25 साल की उम्र में रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करने वालों को सेवानिवृत्ति पर 4 करोड़ रुपये का कोष चाहिए होगा. चार करोड़ के लिए म्यूचुअल फंड में हर महीने 4000-4500 रुपये तक का इंवेस्टमेंट करना होगा. 


यहां जानें रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अच्छे पोर्टफोलियो के बारे में


इक्विटी
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर होता है. लंबी अवधि में  म्यूचुअल फंड में 12-15 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे ऑप्शंस में से एक है. 


डेट फंड
फिक्स्ड डिपॉजिट के बजाय डेट फंड बेहतर विकल्प हैं. डेट म्यूचुअल फंड का डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश होता है और ये फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखता है. टैक्स के मोर्चे पर भी ये एफडी से बेहतर होते हैं क्योंकि इनमे इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलता है. बॉन्ड, डिबेंचर्स, सरकारी सिक्योरिटीज आदि डेट इंस्ट्रूमेंट हैं, इसके अलावा डिपॉजिट सर्टिफिकेट, कमर्शियल पेपर भी डेट इंस्ट्रूमेंट की कैटेगरी में आते हैं. 


गोल्ड
महंगाई के खिलाफ हेजिंग का काम गोल्ड कर सकता है. अगर महंगाई लंबी अवधि में 6 फीसदी की दर से बढ़ी है तो सोने की बजाय इक्विटी या डेट में निवेश ज्यादा बेहतर साबित होता है. सोने में निवेश के लिए सॉवरेन गोल्ड फंड, गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड बॉन्ड में निवेश का रास्ता अख्तियार कर सकते हैं.


रेंटल इनकम या एफडी/पीपीएफ में निवेश से बनाएं कॉरपस
अगर आपकी कोई रेंटल इनकम आती है तो इसे साल के 10 फीसदी की हिसाब से बढ़ाते रहें. इसके अलावा रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एफडी और पीपीएफ में निवेश का भी रास्ता अपनाएं. ये लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने में सक्षम होते हैं. 


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