नई दिल्ली: देश में पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों के साथ धोखाधड़ी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. ये खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि पिछले साल अप्रैल से लेकर दिसंबर यानी कुल नौ महीनों के अंदर 18 बैंकों में 1.17 लाख करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई.


आरटीआई से पता चला है कि इन नौ महीनों के अंदर कुल 8 हजार 926 फ्राड़ के केस सामने आए हैं. इस फ्रॉड  का सबसे बड़ा शिकार देश कीा सबसे बड़ा बैंक 'स्टेट बैंक ऑफ इंडिया' हुआ है. आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौर ने मीडिया को बताया कि आरबीआई के अधिकारियों ने एक आरटीआई के जवाब में उन्हें यह जानकारी दी है.


एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2019 तक 4 हजार 769 फ्रॉड केसिस में कुल 30 हजार 300 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ. 1.17 लाख करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में ये रकम 26 प्रतिशत है. इस दौरान पंजाब नेशनल बैंक में फ्रॉड के कुल 294 मामले सामने आए हैं. जिसमें कुल 14 हजार 928.62 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई. जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा में कुल 250 केस सामने आए हैं और कुल 11 हजार 166.19 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई.


इस दौरान इलाहाबाद बैंक में 6 हजार 781.57 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के कुल 860 मामले सामने आए, जबकि बैंक ऑफ इंडिया में 6 हजार 626.12 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के 161 मामले सामने आए हैं. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 5 हजार 604.55 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के 292 मामलों का पता चला है. इंडियन ओवरसीज बैंक में 5 हजार 556.64 करोड़ रुपये के 151 मामले और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 4,899.27 करोड़ रुपये के 282 मामले दर्ज किए गए.


इसके अलावा, केनरा बैंक, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में कुल 31 हजार 600.76 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 1 हजार 867 मामले सामने आए हैं.


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