नई दिल्लीः पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली कर व्यवस्था वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी से जनवरी के महीने में कमाई थोड़ी कमी आयी है. 25 फरवरी तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी के लिए जीएसटी के जरिए कुल कमाई 86 हजार 318 करोड़ रुपये रही जबकि दिसंबर में ये रकम 86 हजार 703 करोड़ रुपये रही थी.


वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी सीजीएसटी के मद मे 14,233 करोड़ रुपये आए जबकि स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी एसजीटी के तौर पर 19,961 करोड़ रुपये मिले. राज्यों के बीच व्यापार पर लगने वाले इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी आईजीएसटी के रुप में 43,794 करोड़ रुपये की वसूली हुई. गाड़ियों और लग्जरी सामान पर लगने वाले कम्पनशेसन सेस के रुप में 8,331 करोड़ रुपये हासिल हुए.


बयान मे ये भी जानकारी दी गयी है कि अब तक जीएसटी के दायरे में 1.03 करोड़ व्यापारी-कारोबारी-उद्योगपति आ चुके हैं. इसमे कंपोजिशन स्कीम वाले 17.65 लाख छोटे व्यापारी-कारोबारी भी शामिल है. ध्यान रहे कि 20 लाख से ऊपर का सालाना कारोबार करने वाले (पूर्वोत्तर व पहाड़ी राज्यों में 10 लाख) को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है. छोटे व्यापारियों-कारोबारियों को राहत मिले, इसके लिए 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले के लिए कंपोजिशन स्कीम की सुविधा है. कंपोजिशन स्कीम में जहां मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग के काम मे लगे लोगों को 1 फीसदी की दर से एक मुश्त जीएसटी चुकाना होता है, वहीं रेस्त्रां चलाने वालों के लिए जीएसटी की दर 5 फीसदी है. कंपोजिशन स्कीम वालों को कच्चे माल पर चुकाए टैक्स यानी आईटीसी का फायदा नहीं मिलता. साथ ही वो ना तो ग्राहकों से टैक्स वसूल सकते हैं. ऐसे लोगों को हर तीन महीने पर रिटर्न दाखिल करना होता है.


दिसंबर में जीएसटी से कमाई दो महीने की गिरावट के बाद बढ़ी थी. उसके बाद उम्मीद थी कि जनवरी के महीने मे कमाई और बढ़ेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जानकारों की मानें तो दिसंबर के आखिरी 15 दिन और जनवरी के शुरुआती 13 दिन के दौरान का समय नई खरीद बिक्री के लिए सही नहीं माना जाता. दूसरी ओर इस दौरान सालाना छुट्टियों की वजह से उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों में कुछ दिन के लिए उत्पादन रोका जाता है. इन सब कारणों से जीएसटी की कमाई पर असर पड़ सकता है.


सरकार की एक चिंता कंपोजिशन स्कीम के दायरे में आने वालों से कम कमाई को लेकर भी है. इसी के बाद सरकार टैक्स चोरी रोकने के लिए नए कदम उठाने की योजना तैयार कर रही है. इसी कोशिश में पहली अप्रैल से ई वे बिल की व्यवस्था लागू करने की कोशिश है जिससे सामान के लाने-ले जाने पर नजर रखी जा सके.