जुलाई में जीएसटी से कमाई 92,000 करोड़ रुपये के पार
अरुण जेटली ने जानकारी दी है कि केंद्र और राज्यों को कर से होने वाली कुल कमाई को अगर मिला दें तो पुरानी कर व्यवस्था के तहत करीब 91,000 करोड़ रुपये की कमाई होती जबकि जीएसटी लागू होने के बाद ये कमाई 92,000 करोड़ रुपये को भी पार कर गई हैं.
नई दिल्लीः वस्तु व सेवाकर यानी जीएसटी लागू होने के पहले ही महीने में सरकार को उम्मीद से ज्यादा कमाई हुई है. महज 64 फीसदी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स ने सरकार को 92 हजार 283 करोड़ रुपये की कमाई कराई है. जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जानकारी दी है कि केंद्र और राज्यों को कर से होने वाली कुल कमाई को अगर मिला दें तो पुरानी कर व्यवस्था के तहत करीब 91,000 करोड़ रुपये की कमाई होती जबकि जीएसटी लागू होने के बाद ये कमाई 92,000 करोड़ रुपये को भी पार कर गई हैं. और वो भी तब जबकि अभी 60 फीसदी से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने ही टैक्स चुकाया है. जेटली का अनुमान है कि सभी रजिस्टर्ड टैक्स देने वाले अगर टैक्स टैक्स पूरी तरह चुका देंगे तो जीएसटी की कुल रकम जुलाई के लिए ही 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई के महीने में सीजीएसटी यानी सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स से 14 लाख 894 करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं एसजीएसटी यानी (स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स) से 22 हजार 722 करोड़ रुपये मिले हैं. दो राज्यों के बीच व्यापार की सूरत में लगने वाला इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी आईजीएसटी से 47 हजार 469 करोड़ रुपये मिले. वहीं अरुण जेटली ने कहा है कि कंपेसेशन सेस (सिगरेट और गाड़ियों पर लगने वाला सेस) से करीब 7198 करोड़ रुपये मिले हैं. अब यदि कंपनसेशन सेस को इस जीएसटी से हुई कमाई से हटा दें तो वास्तव में रकम करीब 85,000 करोड़ रुपये बनती है.
अगर रजिस्ट्रेशन कराने वालों की बात करें तो जुलाई में ये संख्या 69.57 लाख रही है. इसमें से 38 लाख से भी ज्यादा लोगों ने रिटर्न भरने की आखिरी तारीख यानी 28 अगस्त तक रिटर्न दाखिल कर दिया. अब जिन लोगों ने रिटर्न दाखिल नहीं किया है उन्हें 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा. वित्त मंत्री ने ये भी जानकारी दी है कि हरियाणा और पंजाब में व्यापारियों को किसी तरीके से जुर्माने में राहत नहीं मिलेगी. ध्यान रहे कि बीते दिनों राम रहीम विवाद की वजह से पंजाब और हरियाणा में कई दिनों तक कामकाज ठप रहा था.
रजिस्ट्रेशन कराने वालों की ताजा संख्या की बात करें तो 29 अगस्त तक 72 लाख से भी ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है. इस बार रजिस्ट्रेशन कराने वालों में से 18.83 लाख ऐसे व्यापारी हैं जो पहली बार टैक्स व्यवस्था के दायरे में आए हैं. तकनीकी भाषा में कहें तो ये नए रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स हैं.
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