बुनियादी संरचना पर बढ़ते खर्च और तेजी से वृद्धि करती अर्थव्यवस्था की अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी खजाने पर दबाव लगातार बढ़ा है. इस दबाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार कमाई बढ़ाने के तमाम प्रयास कर रही है और इन्हीं प्रयासों के तहत टीडीएस से राजस्व संग्रह (TDS Revenue Collection) पर खास जोर है. पिछले कुछ सालों के दौरान इस मोर्चे पर सरकार को सफलता भी मिली है. आंकड़े इसकी गवाही देते हैं कि टीडीएस से सरकार की कमाई बढ़ रही है.
इस तरह से बढ़ा कलेक्शन
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सरकार को 6.34 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई. यह कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह का लगभग 39 फीसदी रहा, जो एडवांस टैक्स पेमेंट (Advance Tax Payment) से हासिल हुए 7 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के काफी करीब है. कुछ साल पहले के आंकड़े की तुलना में इसे देखें तो कमाई में बढ़ोतरी का सही अंदाजा लगता है. वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान सरकार को टीडीएस से महज 2.59 लाख करोड़ रुपये मिले थे, जो कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह का 32 फीसदी था. इसका मतलब हुआ कि बीते सात साल के दौरान टीडीएस से सरकार की कमाई में करीब 2.5 गुणे की तेजी आई है.
काम आए ये उपाय
सरकार ने टीडीएस को लेकर प्रावधानों को सख्त किया है. सरकार ने टैक्स कलेक्शन और खजाने में उसे जमा करने के लिए एकल पार्टी को जिम्मेदार बनाया है. इसका फायदा भी हो रहा है और टीडीएस को लेकर नियमों का अनुपालन बेहतर हुआ है. इसी कारण कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में टीडीएस से हुई कमाई का अनुपात वित्त वर्ष 2014-15 के 32 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 39 फीसदी पर पहुंचा है.
अब इन चीजों पर जोर
सरकार ने हाल ही में टीडीएस से जुड़े कुछ और प्रावधानों को सख्त किया है. सरकार ने लिस्टेड डिबेंचर्स पर चुकाए गए ब्याज को लेकर टीडीएस में मिलने वाली छूट को समाप्त कर दिया है. इसके अलावा ऑनलाइलन गेम जीतने की स्थिति में बिना न्यूनतम सीमा के टीडीएस को लागू किया है. बजट में फॉरेन रेमिटेंस की कुछ श्रेणियों पर टीडीएस की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया है. इनमें विदेशी यात्रा पैकेजों की खरीद भी शामिल है. सरकार ने पिछले साल क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर भी टीडीएस लगाया है. इस तरह हम देख सकते हैं कि सरकार टीडीएस से कमाई को और बढ़ाने का हरसंभव प्रयास कर रही है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर मामलों में अनुपालन को बेहतर बनाने के लिए टीडीएस के अलावा अन्य उपायों पर भी गौर कर रहा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट थर्ड पार्टी की सूचनाओं का भी इस्तेमाल इसके लिए कर रहा है. इन सूचनाओं को एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट में करदाताओं के साथ साझा किया जाता है.
प्रत्यक्ष कर संग्रह भी सुधरा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आंकड़े ये भी बताते हैं कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह से हुई कमाई टैक्स से कुल आए कुल राजस्व के 50 फीसदी से ज्यादा रही. यह इस कारण अहम हो जाता है क्योंकि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल टैक्स कलेक्शन में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा अप्रत्यक्ष करों से कम हो गया था.
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