Rice Export Ban Update: भारत सरकार ने गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है. सरकार ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है. केंद्र सरकार ने देरी से आए मानसून से खरीफ फसल खासतौर से धान के फसल को होने वाले नुकसान के मद्देनजर प्रोडक्शन में गिरावट के डर के चलते ये प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. 


खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक भारतीय बाजार में पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और घरेलू बाजार में गैर-बासमती चावल की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पॉलिसी को संशोधन करने का फैसला लिया है. 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी से मुक्त करते हुए गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है. 


सरकार ने खुद माना कि चावल की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है. खुदरा बाजार में चावल की कीमतों में 11.5 फीसदी का इजाफा बीते एक वर्ष में देखा गया है जबकि एक महीने में तीन फीसदी कीमतों में उछाल देखने को मिला है. 


सरकार ने गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर 8 सितंबर 2022 को 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला लिया था. जिससे घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाई जा सके साथ कीमतें कम की जा सके. लेकिन 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी के बाद भी गैर-बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी देखी गई. ये उछाल वैश्विक राजनीतिक हालात से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में आई तेज उछाल के चलते देखने को मिली है. अल नीनो और चावल उत्पादन करने वाले देशों में खराब मौसम भी तेजी की वजहों में शामिल है. गैर-बासमती सफेद चावल का एक्सपोर्ट कुल किए जाने में चावल के एक्सपोर्ट्स में 25 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. 


सरकार का कहना है कि गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन से देश में कीमतों में कमी लाने में मदद मिलेगी. हालांकि गैर बासमती चावल (Par Boiled Rice) और बासमती चावल के एक्सपोर्ट के नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 


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