Right To Work: 13.51 लाख करोड़ रुपये सलाना खर्च करने पर देश में सबको मिल सकता रोजगार!
Right To Employment: रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिकों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए राइट टू वर्क कानून का बनाया जाना बेहद जरुरी है.
Right To Work: देश में हर किसी को रोजगार (Employment) देने के लिए सरकार को हर वर्ष 13.52 लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे जो कि जीडीपी ( GDP) का 5 फीसदी है. पीपुल्स कमीशन ऑन एम्पलॉयमेंट एंड अनएम्पलॉयमेंट (People's Commission on Employment and Unemployment) ने अपने अध्ययन में ये बातें कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ( Government) को निवेश करना चाहिए.
राइट टू वर्क (Right To Work) को लेकर रिपोर्ट जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि देश में सभी को रोजगार देने के लिए सरकार इसे वैधानिक दर्जा देती है तो सरकार को हर वर्ष जीडीपी ( GDP) का 5 फीसदी यानि 13.52 लाख करोड़ रुपये सलाना खर्च करने होंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिकों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए राइट टू वर्क कानून ( Right To Work Law) का बनाया जाना बेहद जरुरी है.
रिपोर्ट में रोजगार ((Employment)) के अवसर बढ़ाने के लिए हर वर्ष जीडीपी ( GDP) का एक फीसदी खर्च किए जाने पर जोर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक मनरेगा (MGNREGA) से जो लोग लाभांवित हो रहे हैं उन्हें छोड़ दें तो देश में 21.8 करोड़ लोगों को रोजगार ( Employment) की फौरन सख्त जरुरत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में इस समय 30.4 करोड़ लोग वर्कर्स के पास काम है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजगार के अवसर बढ़ाने से प्रोडक्शन ( Production) को बढ़ाने में मदद मिलेगी वहीं इससे मांग ( Demand) भी बढ़ेगी.
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