Monthly Economic Review: खाद्य महंगाई में उछाल ने फिर से पॉलिसीमेकर्स को परेशान करना शुरू कर दिया है. हाल के दिनों में दाल, सब्जी और फलों की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिली है खासतौर से टमाटर जिसकी कीमतें 250 रुपये किलो के पार जा पहुंची है. अब वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने जून 2023 के मंथली इकोनॉमिक रिव्यू में जून महीने में खाद्य महंगाई में आई उछाल को लेकर केंद्र सरकार से लेकर आरबीआई को आगाह किया है. 


खाद्य महंगाई से सतर्क रहने की जरुरत


डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने जून महीने के मंथली इकोनॉमिक रिव्यू में कहा कि मौसम संबंधी दिक्कतों के चलते फलों, सब्जियों, दाल और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. इसके चलते मई 2023 में जहां खाद्य महंगाई दर 3 फीसदी पर था वो बढ़कर जून 2023 में 4.5 फीसदी पर आ गया है.  डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने आरबीआई से लेकर सरकार को खाद्य महंगाई में उछाल को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है. 






कच्चे तेल में तेजी ने बढ़ाई चिंता  


आर्थिक मामलों के विभाग ने ग्लोबल डिमांड या सप्लाई में में व्यवधान के अलावा रूस यूक्रेन के बीच ब्लैक सी ग्रेन डील के जुलाई 2023 में ठप्प पड़ने के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में हालिया दिनों में आए उछाल को लेकर भी चिंता जाहिर की है. रिपोर्ट में कहा गया कि सेंट्रल बैंक अभी भी महंगाई दर को अपने टारगेट के भीतर लाने के लिए सख्ती बरते हुए हैं. आरबीआई भी एक साल पूर्व के दौर के ऊपर पॉलिसी रेट्स को बरकरार रखे हुए है. रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई कीमतों पर वैश्विक और घरेलू झटके से चलते पड़ने वाले असर पर गहराई से नजर बनाये हुए है.   


वैश्विक संकट से भारत बेअसर 


डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स की मंथली रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक ग्रोथ रेट 2023 में 3 फीसदी रहने का अनुमान है जो 2022 में 3.5 फीसदी रहा था. मॉनिटरी पॉलिसी की सख्ती, खराब मौसम, फाइनेंशियल सेक्टर में संकट, और चीन की रिकवरी की धीमी रफ्तार का असर वैश्विक ग्रोथ पर पड़ रहा है. जबकि वैश्विक संकट के बावजूद भारत अपने घरेलू डिमांड में तेजी और बढ़ते निवेश के चलते मजबूत बना हुआ है. 


ये भी पढ़ें 


Stalled Projects: अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे होम बायर्स को राहत देने की तैयारी, कमिटी ने सौंपी सरकार को सिफारिश