Delay in Projects: रोड ट्रांसपोर्ट और Highway सेक्टर के सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट्स समय से पीछे- रिपोर्ट
देश में कई ऐसी परियोजनाएं हैं जो इस समय देरी से चल रही हैं या अटकी हुई हैं. इन्हें लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है जिससे पता चला है कि इनमें रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे सेक्टर की परियोजनाएं सबसे ज्यादा है.
Delay in Projects: देश में प्रोजेक्ट्स को लेकर अक्सर बातें होती हैं कि यहां प्रोजेक्ट्स समय से पूरे नहीं होते पर इनमें अब कुछ सुधार तो देखा जा रहा है. पहले जहां ऐसी परियोजनाओं की संख्या काफी ज्यादा होती थी, पर अब ये धीरे धीरे घट रही हैं. हालांकि एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है कि देश में जो प्रोजेक्ट्स देरी से चल रहे हैं, उनमें सबसे ज्यादा संख्या रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे सेक्टर के हैं.
जानें देरी से चल रहे प्रोजेक्ट्स का हाल
सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र में सबसे अधिक 243 प्रोजेक्ट्स देरी से चल रही हैं. इसके बाद 114 प्रोजेक्ट्स के साथ रेलवे और 89 प्रोजेक्ट्स के साथ पेट्रोलियम क्षेत्र का स्थान है. एक सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सड़क परिवहन और राजमार्ग से संबंधित 826 में से 243 प्रोजेक्ट्स देरी से चल रहे हैं. रेलवे की 173 प्रोजेक्ट्स में 114 देरी से आगे बढ़ रही हैं. पेट्रोलियम क्षेत्र की 142 में 89 परियोजाएं समय से पीछे हैं.
IPMD की रिपोर्ट
अवसंरचना और परियोजना निगरानी प्रभाग (आईपीएमडी) केंद्रीय क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की प्रोजेक्ट्स की निगरानी करता है. यह सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत आता है.
मुनीराबाद-महबूबनगर रेल परियोजना सबसे लंबित परियोजना
रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीराबाद-महबूबनगर रेल परियोजना सबसे लंबित परियोजना है. यह अपने निर्धारित समय से 276 महीने पीछे है. इसके अलावा 247 महीने के साथ उधमपुर-श्रीनगर बारामूला रेल परियोजना दूसरी सबसे देरी से चल रही परियोजना है. अक्टूबर महीने की रिपोर्ट में केंद्र सरकार की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की 1,521 प्रोजेक्ट्स की स्थिति का ब्यौरा है. समीक्षाधीन महीने में 1,521 प्रोजेक्ट्स में नौ प्रोजेक्ट्स जोड़े गए हैं. वहीं 10 प्रोजेक्ट्स (नौ सड़क और एक शहरी विकास से संबंधित) पूरे हो गए हैं.
1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के 32 प्रोजेक्ट्स चल रहे समयसीमा से पीछे
कुल 642 प्रोजेक्ट्स अपनी मूल समयसीमा से पीछे हैं. वहीं 79 प्रोजेक्ट्स ऐसी हैं जिनमें विलंब का समय पिछले महीने की तुलना में और बढ़ गया है. इन 79 में 32 बड़ी यानी 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स हैं.
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