Rollback OF CNG-PNG Price Hike: प्राकृतिक गैस के दामों में हाल के दिनों में 50 फीसदी की कमी आ चुकी है. ऐसे में आने वाले दिनों में सीएनजी-पीएनजी के दामों में कटौती की उम्मीद बढ़ने लगी है. तो इस बाबत सरकार से संसद में गुरुवार को सवाल भी पूछा गया है कि क्या सरकार सीएनजी-पीएनजी के दामों में कटौती का फैसला वापस लेने वाली है?
इस सवाल का दवाब देते हुए पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि सीएनजी और पीएनजी के दाम पीएनजीआरबी (PNGRB) द्वरा अधिकृत सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां गैस के खरीद कीमतों, टैक्स और दूसरे कॉम्पोनेंट को ध्यान में रखते हुए तय करती हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जनवरी 2021 से लेकर नवंबर 2022 के बीच गैस की कीमतों में 327 फीसदी का उछाल आया है जबकि भारत में सीएनजी की कीमतें केवल 84 फीसदी ही बढ़ाई गई है.
पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने बताया कि कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए घरेलू गैस के आवंटन को 2013-14 के मुकाबले 250 फीसदी बढ़ाया है. साथ ही घरेलू गैस को पावर और गैर जरुरी सेक्टरों से हटाकर सीएनजी पीएनजी जरुरतों को पूरा करने के लिए डायवर्ट किया गया है. सरकार सीएनजी-पीएनजी सेगमेंट को घरेलू गैस आवंटन में प्राथमिकता दे रही है.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक गैस के दामों में बड़ी गिरावट आई है. गैस की कीमतें घटकर 3.2 डॉलर प्रति यूनिट के करीब आ चुकी है जो अगस्त 2022 में 10 डॉलर प्रति यूनिट के पार जा चुका था. माना जा रहा है कि एक अप्रैल 2023 से जब पेट्रोलियम मंत्रालय प्रॉकृतिक गैस के दामों की समीक्षा करेगा तो गैस के दामों में भारी कटौती की जा सकती है. जिसके चलते सीएनजी-पीएनजी के दामों में कमी के आसार है. रूस के यूक्रेम पर हमले के बाद से प्राकृतिक गैस के दामों में बड़ी उछाल देखने को मिली थी.
1 अक्टूबर 2021 को राजधानी दिल्ली में सीएनजी 45.5 रुपये प्रति किलो पर बिक रही थी. जो अब 79.56 रुपये प्रति किलो में बिक रही है. 16 महीनों में सीएनजी के दामों में 34.06 रुपये प्रति किलो की बढ़त हुई है यानि सीएनजी इस अवधि में 73 फीसदी से ज्यादा महंगा हुआ है. बीते एक साल में सीएनजी पीएनजी के दामों में बढ़ोतरी ने महंगाई बढ़ाने में बड़ा योगदान अदा किया है.
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