Rapid Rail Tickets: देश की महत्वाकांक्षी परियोजना रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (RRTS) के कुछ हिस्से की शुरुआत की जा चुकी है. इन नमो भारत ट्रेनों (Namo Bharat Trains) से दिल्ली-एनसीआर के बीच यात्रा का पूरा रंगरूप ही बदल जाएगा. इन खूबसूरत, आरामदायक और शानदार नमो भारत ट्रेनों में सफर को और भी बेहतरीन बनाने के लिए एनसीआरटीसी ने वन टैप टिकटिंग (One Tap Ticketing) सेवा शुरू की है. दुनिया में इस तरह की सुविधा पहली बार दी जा रही है. यह आरआरटीसी कनेक्ट एप (RRTC Connect App) पर उपलब्ध होगी.
कैसे काम करेगा यह अनोखा फीचर
इस फीचर के जरिए यात्रियों को स्टेशन के 300 मीटर के दायरे में कहीं से भी आरआरटीएस कनेक्ट ऐप पर क्यूआर कोड जनरेट करने की सुविधा मिलेगी. यात्री को अपना स्टेशन भी नहीं बताना पड़ेगा और न ही एडवांस टिकट बुक करने की जरूरत पड़ेगी. वन टैप बुकिंग पर क्लिक करते ही यात्रा के लिए क्यूआर टिकट मिल जाएगा. इसकी मदद से बिना किसी परेशानी के आप कभी भी किसी भी स्टेशन तक जा सकेंगे.
टिकटिंग प्रक्रिया हो जाएगी तेज
वन-टैप बुकिंग से टिकट लेने का झंझट खत्म हो जाएगा. कहीं भी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. आप किसी भी स्टेशन से चढ़ और उतर पाएंगे. फिलहाल टिकट बुक करते समय यात्रा का पहला और आखिरी स्टेशन चुनना पड़ता है. फिर न चाहते हुए भी वहां उतारकर दूसरा टिकट लेना पड़ता है.
एप में सिर्फ 100 रुपये रखने होंगे
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को आरआरटीएस कनेक्ट एप डाउनलोड करना होगा. साथ ही अपने ई-वॉलेट को इस एप से लिंक करना पड़ेगा. ई-वॉलेट में न्यूनतम राशि 100 रुपये रखनी होगी. एप का उपयोग करते समय फोन की लोकेशन को एक्टिव करना होगा ताकि टिकट बुक करते समय एप स्टेशन की लोकेशन को पहचान सके. इसके बाद एक टैप पर क्यूआर कोड जनरेट हो जाएगा. इसे स्कैन कर आप स्टेशन में प्रवेश कर सकें.गे आप जिस स्टेशन पर निकलेंगे, वहां क्यूआर कोड स्कैन करते ही पैसा ई-वॉलेट से कट जाएगा.
फिलहाल 17 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर खोला गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को भारत की पहली नमो भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी. इस कॉरिडोर में साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा सेक्शन चालू हो चुका है. यह दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का हिस्सा है. इस सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो पांच स्टेशन हैं. दिल्ली से मेरठ तक 82 किमी लंबे कॉरिडोर को जून, 2025 तक पूरी तरह से चलाने का लक्ष्य रखा गया है.
ये भी पढ़ें
Indian Students In USA: भारतीय छात्रों की पहली पसंद बना अमरीका, चीन को भी पीछे छोड़ा