Stamp Duty Revenue In India 2022 : देश भर में प्रॉपर्टी सेक्टर से जुडी अच्छी खबर सामने आ रही हैं. देश में आवासीय संपत्तियों की बिक्री में भारी उछाल देखा गया हैं. जिसका असर चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में राजस्व संग्रह 35 फीसदी बढ़ोत्तरी दर्ज करने के साथ 948.47 अरब रुपये पर पहुंच गया हैं. वर्ष 2021-22 की अप्रैल-सितंबर में देश के 27 राज्यों और एक केंद्रशासित राज्य जम्मू-कश्मीर को स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में 701.20 अरब रुपये की कमाई हुई थी.

महाराष्ट्र पहले और यूपी दूसरे पायदान पर 
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 की पहली छमाही में महाराष्ट्र को स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में सबसे ज्यादा 186 अरब रुपये की कमाई हुई. यह आंकड़ा पिछले वित्तवर्ष की इसी समान अवधि के 113 अरब रुपये से 65 फीसदी ज्यादा रही हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश 123.94 अरब रुपये के साथ दूसरे स्थान पर पहुंचा है. यह 2021-22 की समान अवधि के 93 अरब रुपये के साथ 33 फीसदी अधिक रहा हैं. 

ये हैं बढ़ी वजह 
प्रॉपर्टी के स्टांप और पंजीकरण शुल्क में इजाफा होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण मकानों की कीमतें 5 फीसदी बढ़ी हैं. आपको बता दे कि देश के 11 राज्यों की स्टांप और पंजीकरण शुल्क के रूप में कमाई 40 फीसदी से ज्यादा हुई है. 8 प्रमुख शहरों में इस साल के पहले 9 महीने यानी जनवरी-सितंबर में मकानों की कीमतें करीब 5 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई हैं. लागत में बढ़ोतरी और मकानों की मजबूत मांग से कीमतों में इजाफा हुआ है. 

कितना हुआ इजाफा 
कुछ राज्यों में सम्पत्ति की कीमत में इजाफा हुआ हैं. जैसे दिल्ली-एनसीआर में 5 फीसदी कीमतें बढ़कर 4,700-4,900 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गईं हैं. वही अहमदाबाद में 5 फीसदी बढ़कर 3,600-3,800 रुपये, बंगलूरू में 6 फीसदी बढ़कर 5,900-6,100 रुपये और चेन्नई में 2 फीसदी इजाफे के साथ 5,500-5,700 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गए हैं. हैदराबाद में प्रॉपर्टी की कीमतें 4 फीसदी, कोलकाता में 3 फीसदी, महाराष्ट्र के शीर्ष 2 बाजारों मुंबई एवं पुणे में क्रमशः 3 फीसदी और 7 फीसदी बढ़ी हैं. 

इन राज्यों के राजस्व में 104 फीसदी वृद्धि 
मालूम हो कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, केरल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय और मिजोरम राज्य के राजस्व में सर्वाधिक 104 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. आपको जानकारी दे दे कि, बिहार ही अकेला ऐसा राज्य है, जिसके संग्रह में 73 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई हैं. इसकी कमाई 23 अरब रुपये से घटकर 6.21 अरब रुपये रह गई. महाराष्ट्र और यूपी के अलावा वाले राज्यों का देखें कमाई कितनी हुई हैं.

राज्य           कमाई तेजी
तमिलनाडु 86.62 अरब रुपये 39 फीसदी
कर्नाटक  82.29 अरब रुपये 39 फीसदी
तेलंगाना  72.12 अरब रुपये 48 फीसदी
गुजरात  62.76 अरब रुपये 31 फीसदी
हरियाणा  43.28 अरब रुपये 23 फीसदी
आंध्र प्रदेश  41.39 अरब रुपये 22 फीसदी
राजस्थान 40.38 अरब रुपये 42 फीसदी
मध्यप्रदेश  40.62 अरब रुपये 17 फीसदी

 

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