अब अडानी ग्रुप के समर्थन में उतरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मुखपत्र में कहा- साल 2016-17 में रची गई थी पटकथा
Adani Group: अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अडानी समूह के समर्थन में आगे आ गया है और इसे लेकर कह रहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के पीछे की पटकथा 25 जनवरी को नहीं बल्कि साल 16-17 में लिखी गई थी.
Adani Group: अडानी समूह को लेकर चल रही खबरें विदेशी-घरेलू शेयर बाजारों से लेकर संसद तक हलचल पैदा कर रही हैं और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अडानी समूह के समर्थन में आ गया है. संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने Decoding the hit job by Hindenburg against Adani Group नाम से एक आर्टिकल छापा है और इसमें अडानी समूह में मौजूदा चल रही हलचल के पीछे किसका हाथ है, इसके बारे में बताया है. ऑर्गेनाइजर में कहा गया है कि अडानी ग्रुप पर हमले की शुरुआत 25 तारीख 2023 में शुरू नहीं हुई है. इस ग्रुप को टारगेट करने की पटकथा 2016- 17 में ऑस्ट्रेलिया में रची गई थी
ऑर्गेनाइजर ने ये भी लिखा है कि अडानी ग्रुप पर यह हमला ऑस्ट्रेलिया से साल 2016-17 में शुरू हो चुका है और गौतम अडानी की छवि खराब करने और उन्हें बदनाम करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई एनजीओ ने एक वेबसाइट चलाई है. इतना ही नहीं अब अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पूरी प्लानिंग के तहत बनाई गई है. ऑस्ट्रेलिया में जो वेबसाइट बनाई गई है, उसका मकसद है कि इस ग्रुप को बदनाम किया जाए और गौतम अडानी को टारगेट किया जाए. ये वेबसाइट जिसका नाम अडानीवॉचडॉटओआरजी है उसके जरिए इसका मकसद पूरा करने की कोशिश की जा रही है.
क्या है मामला
भारतीय अरबपति गौतम अडानी के बारे में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से उनके 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूब गए हैं और उन्हें ग्लोबल अमीरों की सूची में नीचे धकेल दिया गया है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को हालांकि खारिज कर दिया है पर इसके बाद भी अडानी समूह के शेयरों और गौतम अडानी की नेटवर्थ दोनों में गिरावट जारी है. वहीं दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी यानी स्टैंडर्ड एंड पूअर ने अडानी ग्रुप की दो कंपनी अडानी पोर्ट्स और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के आउटलुक को स्टेबल से घटाकर निगेटिव कर दिया है. इस खबर का असर सोमवार को अडानी समूह के शेयरों के भाव पर पड़ सकता है.
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है
इस हलचल भरे घटनाक्रम में अडानी समूह की कंपनियों में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के पीछे कथित आपराधिक साजिश की जांच के लिए केंद्र और सेबी को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर दी गई है. याचिका में कहा गया है कि रिपोर्ट से इसके शेयर क्रैश हो गए और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. वकील मनोहरलाल शर्मा द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के अमेरिकी निवासी नैट एंडरसन और उनकी भारतीय संस्थाओं ने एक आपराधिक साजिश रची और उसके बाद 25 जनवरी, 2023 को उन्होंने शोध रिपोर्ट के रूप में एक मनगढ़ंत खबर जारी की, जो अडानी समूह की कंपनियों के लिए नुकसानदायक थी. याचिका में दलील दी गई है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद जब शेयर बाजार में गिरावट आई तो उन्होंने सबसे कम दर पर अपनी शॉर्ट सेल की स्थिति को बेहतर कर लिया.
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