Road Accident Claim: देशभर में रोड एक्सीडेंट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और रोजाना ही कई सड़क दुर्घटनाओं में राहगीरों की मौत या घायल होने की खबरें आती रहती हैं. भारत में रोड एक्सीडेंट में जान गंवाने वालों और घायल होने वालों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसीज में क्लेम दिए जाने का प्रावधान है. हालांकि इसको लेकर एक ऐसी खबर आई है जो कि आपको चौंका सकती है. आईआरडीएआई से आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में ये जानकारी मिली है.
देश में 80,455 करोड़ रुपये के 10.46 लाख रोड एक्सीडेंट क्लेम हैं पेंडिंग
देश में सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े 80,455 करोड़ रुपये के लगभग 10,46,163 दावे (क्लेम) पेंडिंग हैं. साल 2018-19 से 2022-23 के बीच इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर आवेदन के जरिए यह जानकारी मिली है. आरटीआई के जवाब के आधार पर एक सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता ने दावा निपटान की 'कछुआ चाल' पर चिंता जताई और अनुमान लगाया कि रोड एक्सीडेंट से पीड़ित को आर्थिक राहत पाने में औसतन चार साल लग जाते हैं.
किसने लगाई थी आरटीआई
अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट के वकील के सी जैन के आवेदन के जवाब में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने यह डिटेल्स दी हैं. केसी जैन ने राज्य और जिलेवार विवरण के साथ-साथ देश में पेंडिंग मोटर एक्सीडेंट क्लेम की कुल संख्या बताने के लिए किया था. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से पूछे गए सवाल में ये जानकारी मांगी गई थी.
उन्होंने पिछले पांच सालों के दौरान शुरू किए गए और निपटाए गए और बाकी बचे क्लेम की सालाना डिटेल्स के बारे में पूछा था. इसके साथ ही मोटर दुर्घटना दावों के जल्दी निपटान के लिए केंद्र सरकार ने अगर कोई पहल की हो तो उसके बारे में भी जानकारी मांगी थी. आगरा में रहने वाले वकील केसी जैन ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पेंडिंग क्लेम की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. इसकी वजह से सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों और घायल व्यक्तियों के आश्रितों के दावों के निपटान में भी देरी हो रही है.
आईआरडीएआई की जानकारी के मुताबिक (बीते 5 साल का आंकड़ा)
- वित्त वर्ष 2018-19 में 52,713 करोड़ रुपये के 9,09,166 क्लेम
- वित्त वर्ष 2019-20 में 61,051 करोड़ रुपये के 9,39,160 क्लेम
- वित्त वर्ष 2020-21 में 70,722 करोड़ रुपये के 10,08,332 क्लेम
- वित्त वर्ष 2021-22 में 74,718 करोड़ रुपये के 10,39,323 क्लेम
- वित्त वर्ष 2022-23 में 80,455 करोड़ रुपये के 10,46,163 क्लेम
IRDAI ने दिया ये जवाब
क्षेत्रीय स्तर की जानकारी के बारे में आईआरडीएआई ने कहा, 'मोटर थर्ड पार्टी दावों का जिला-वार और राज्य-वार विवरण आईआरडीएआई के पास मौजूद नहीं है, क्योंकि आईआरडीएआई ऐसी विस्तृत जानकारी बरकरार नहीं रखता है'
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