(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
रुचि सोया का लाभ पतंजलि अधिग्रहण के बाद बढ़कर हुआ 1018 करोड़, स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक
वित्तीय वर्ष में कंपनी का PAT(टैक्स चुकाने के बाद हुआ मुनाफ़ा) 203% से ज्यादा बढ़कर 681 करोड़ रुपये हो गया, जबकि मार्च तिमाही में 314 करोड़ रुपये रहा, जो 38% की वृद्धि को दर्शाता है.
बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली पतंजलि की तरफ से रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड (रुचि सोया) का अधिग्रहण करने के बाद रुचि सोया का अधिग्रहण से लेकर अब तक का सर्वाधिक 1018 करोड़ रुपये EBITDA (यानि वह लाभ जिसमें से ब्याज, टैक्स, मूल्यहास, और ऋण मुक्ति घटाया न गया हो) रहा. वित्तीय वर्ष 2021 में EBITDA में 122 फीसदी की वृद्धि के साथ यह 1018.37 करोड़ रुपये हो गया. जो 1986 में इसकी स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक EBITDA है.
31 मार्च 2021 को खत्म हुए तिमाही में कंपनी का EBITDA 5.57 फीसदी बढ़कर 270.60 करोड़ रुपये हुआ जो साल-दर साल 272 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी को दर्शाता है. एफएमसीजी में 24.35 फीसदी की वृद्धि के साथ राजस्व बढ़कर 16 हजार 383 करोड़ पर पहुंच गया. तिमाही के दौरान कंपनी की आय 51% बढ़कर 4859.5 करोड़ रुपये हो गई.
वित्तीय वर्ष में कंपनी का PAT 203% से ज्यादा बढ़कर 681 करोड़ रुपये हो गया, जबकि मार्च तिमाही में 314.33 करोड़ रुपये रहा, जो 38% की वृद्धि को दर्शाता है. कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि रॉयल्टी व्यवस्था के तहत बेचे गए ब्रांडों सहित रुचि सोया के ब्रांडेड व्यवसाय वर्टिकल ने 3455.96 करोड़ की बिक्री की. 31 मार्च, 2021 को समाप्त तिमाही में 71.12 फीसदी का योगदान दिया है.
विस्तार-
पिछले महीने कंपनी ने पतंजलि नेचुरल बिस्कुट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक व्यापार ट्रांसफर समझौते के अनुसार भारत में पतंजलि ब्रांड नाम के तहत बिस्कुट, कुकीज़, रस्क और अन्य संबद्ध बेकरी उत्पादों की मार्केटिंग शुरू की.
इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के साथ एक असाइनमेंट समझौते के अनुसार भारत में पतंजलि ब्रांड नाम के तहत ब्रेकफास्ट सेरियल्स, आटा (गेहूं) नूडल्स की मार्केटिंग शुरू की.
कंपनी ने न्यूट्रेला और पतंजलि की ज्वाइंट ब्रांडिंग के तहत शुरू में 10 FMCG उत्पादों को उतारकर 100% शाकाहारी न्यूट्रास्युटिकल और वेलनेस उत्पादों में कदम रखा है.
18 दिसंबर, 2019 को बाबा रामदेव के पतंजलि समूह जो की भारत के प्रमुख एफएमसीजी समूहों में से एक है, उसने CIRP के पूरा होने और पतंजलि रिजोल्यूशन प्लान के अनुसार रुचि सोया का अधिग्रहण किया था.
रणनीतिक रूप से स्थित विनिर्माण सुविधाओं वाली कंपनी रुचि गोल्ड, महाकोश, सनरिच, न्यूट्रेला और रुचि स्टार जैसे मान्यता प्राप्त ब्रांडों की पूरे भारत में मौजूदगी है.
रुचि सोया ने 12 जून को सेबी के पास एफपीओ के प्रस्ताव का मसौदा जमा कराया है.
बीएसई पर रुचि सोया के शेयर मंगलवार को कंपनी के 35,340 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के परिणामों की घोषणा से पहले 1194.55 रुपये के ऊपरी सर्किट पर बंद हुए. सितंबर 2020 से कंपनी के शेयरों में 195% से अधिक की तेजी आई है.
पिछले साल, रुचि सोया कोराना महामारी के बीच उसके शेयर में 6,000% से अधिक की बढ़ोतरी के लिए सुर्खियों में थी. हालांकि, बाजार के मूड, कमजोर फंडामेंटल की वजह से शेयर उस ऊंचाई पर कायम नहीं रह पाया.
इक्विटीमास्टर के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट ऋचा अग्रवाल ने एबीपी न्यूज़ से बताया- “पतंजलि, जिसने 2019 में एक दिवाला कार्यवाही में कंपनी को जमानत दी थी, अब बाजार नियामक के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड को पूरा करने के लिए हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. एक महीने पहले रुचि सोया ने पतंजलि से बिस्किट कारोबार में गिरावट के चलते बिस्किट कारोबार का अधिग्रहण किया था. इन सब चर्चा के बीच और बोर्ड की बैठक और परिणामों से पहले, स्टॉक को फिर से समर्थन मिला है और ऊपरी सर्किट पर पहुंच गया है. हालांकि, इसकी कीमत को इसके मूल्य के लिए गलत नहीं माना जाना चाहिए. मिलिजुली प्रदर्शन के इतिहास. बैलेंस शीट में बड़े कर्ज और लगभग 99 प्रतिशत प्लेज्ड शेयर्स के साथ यह स्टॉक लंबी अवधि के लिहाज से कम संतोषजनक है.”
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