नई दिल्लीः इंटरबैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज अमेरिकी मुद्रा की तुलना में 12 पैसे के उछाल के साथ ढाई साल के नये उच्च स्तर 63.41 रुपये पर बंद हुआ. रुपये का यह 15 जुलाई 2015 के बाद का सबसे उच्च स्तर है जबकि यह इसी स्तर पर बंद हुआ था. एक डॉलर की कीमत 63.50 रुपये के काफी नीचे आ चुकी है. डॉलर में नरमी से रुपये को सपोर्ट मिला है.


कारोबारियों का कहना है कि वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद रुपये का सेंटीमेंट मजबूत रहा. घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ते आत्मविश्वास का पॉजिटिव असर भी रहा. सुबह रुपया 63.59 रुपये पर कमजोर खुला. कारोबार के दौरान 63.62 रुपये प्रति डॉलर तक टूटने के बाद यह तेजी से सुधरा और 63.36 रुपये तक मजबूत हुआ. यह अंतत: 12 पैसे की मजबूती दिखाता हुआ 63.41 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर डॉलर की लिवाली ने रुपये को संभाला.


गौरतलब है कि पिछले 1 साल में रुपया करीब 6 फीसदी मजबूत हुआ है जबकि डॉलर में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है.